Science Gk MCQ Question In Hindi
विज्ञान सामान्य ज्ञान ( Science GK ) क्यों है जरूरी? विज्ञान हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है। Science GK न केवल आपकी सामान्य जानकारी बढ़ाता है बल्कि विभिन्न Entrance या Competitive Exam में भी बेहद उपयोगी होता है। चाहे आप UPSC CSE, IIT-JEE, NEET, NDA, CAT या राज्य स्तरीय परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हों, Science GK के सवाल लगभग हर परीक्षा में पूछे जाते हैं। यह विषय न केवल आपके ज्ञान को बढ़ाता है बल्कि आपकी तार्किक क्षमता को भी निखारता है। Read More »

रिचर स्केल निम्नलिखित में से किसके मापन में प्रयुक्त होता है?
रिक्टर स्केल एक ऐसा वैज्ञानिक पैमाना है जिसका उपयोग भूकंप की तीव्रता यानी उसकी शक्ति को मापने के लिए किया जाता है। जब पृथ्वी के अंदर प्लेटें टकराती हैं तो भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल इन भूकंपीय तरंगों की शक्ति को संख्याओं में व्यक्त करता है। यह एक लघुगणकीय पैमाना है, जिसका अर्थ है कि प्रत्येक पूर्ण संख्या में वृद्धि के साथ भूकंप की तीव्रता दस गुना बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए, 5 तीव्रता का भूकंप, 4 तीव्रता के भूकंप से दस गुना अधिक शक्तिशाली होता है। रिक्टर स्केल का उपयोग भूकंप की तीव्रता का आकलन करने और भूकंप से होने वाले नुकसान का अनुमान लगाने में किया जाता है।
वोल्ट किसका मात्रक है?
वोल्ट विद्युत विभवांतर का मात्रक है। विद्युत विभवांतर दो बिन्दुओं के बीच विद्युत स्थितिज ऊर्जा में अंतर को दर्शाता है। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि जैसे पानी एक ऊंचे स्थान से नीचे की ओर बहता है, उसी तरह विद्युत आवेश भी उच्च विभव वाले बिंदु से निम्न विभव वाले बिंदु की ओर बहता है। वोल्ट इसी विद्युत विभवांतर को मापने की इकाई है। यह इकाई इतालवी वैज्ञानिक अलेसेंड्रो वोल्टा के नाम पर रखी गई है, जिन्होंने बैटरी का आविष्कार किया था।
‘विश्व की दूध की रानी’ किस नस्ल की बकरी को कहा जाता है?
विश्व की दूध की रानी’ का खिताब सानेन नस्ल की बकरी को दिया गया है। इसका कारण यह है कि सानेन बकरी अन्य नस्लों की तुलना में अधिक मात्रा में दूध देती है। यह अपनी उच्च दूध उत्पादन क्षमता के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। सानेन बकरी का मूल स्थान स्विट्जरलैंड है और इसे अपनी मजबूत बनावट और अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी जाना जाता है।
सिम्बिओटिक कीटाणु जो कि वातावरणीय नाइट्रोजन के स्थिरीकरण के लिए उत्तरदायी है, किसमें पाया जाता है?
वातावरण में नाइट्रोजन गैस प्रचुर मात्रा में होती है, लेकिन पौधे सीधे इसका उपयोग नहीं कर सकते। सिम्बायोटिक जीवाणु, विशेष रूप से राइजोबियम, इस नाइट्रोजन को एक ऐसे रूप में बदल देते हैं जिसे पौधे अवशोषित कर सकते हैं। ये जीवाणु फलीदार पौधों की जड़ों में गांठें बनाते हैं और एक सहजीवी संबंध स्थापित करते हैं। पौधे जीवाणु को कार्बन यौगिक प्रदान करते हैं और बदले में जीवाणु पौधे को नाइट्रोजनयुक्त यौगिक प्रदान करते हैं। यह प्रक्रिया नाइट्रोजन चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और मृदा की उर्वरता को बनाए रखने में मदद करती है।
पेन्सिलीन का आविष्कार किया था?
यह एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोज थी जिसने चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांति ला दी। 1928 में, स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक अलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने एक संयोगवश घटना में पेन्सिलिन की खोज की। उन्होंने देखा कि एक पेनिसिलियम नोटेटम नामक फफूंद ने एक बैक्टीरिया की वृद्धि को रोक दिया है। इस खोज ने एंटीबायोटिक दवाओं के युग का सूत्रपात किया। पेन्सिलिन ने कई घातक संक्रमणों से लड़ने में मदद की और लाखों लोगों की जान बचाई। फ्लेमिंग को इस खोज के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
जीवाश्म की आयु का निर्धारण किसके द्वारा होता है?
जीवाश्मों की आयु निर्धारित करने के लिए वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग नामक एक महत्वपूर्ण तकनीक का उपयोग करते हैं। इस विधि में जीवित रहते समय जीवों के शरीर में मौजूद कार्बन-14 नामक एक विशेष प्रकार के कार्बन का अध्ययन किया जाता है। कार्बन-14 एक रेडियोधर्मी तत्व है जो समय के साथ निश्चित दर से क्षय होता रहता है। जब कोई जीव मर जाता है तो उसमें कार्बन-14 का क्षय होना बंद नहीं होता। वैज्ञानिक जीवाश्म में बचे हुए कार्बन-14 की मात्रा को मापकर यह पता लगा सकते हैं कि वह जीवाश्म कितना पुराना है। कार्बन-14 की अर्ध-आयु लगभग 5730 वर्ष होती है, जिसका अर्थ है कि हर 5730 वर्ष में कार्बन-14 की मात्रा आधी रह जाती है। इस प्रकार, कार्बन डेटिंग विधि से हम हजारों वर्ष पुराने जीवाश्मों की आयु का काफी सटीक अनुमान लगा सकते हैं।
पशुओं की उम्र का पता कैसे लगाया जाता है?
पशुओं की उम्र का पता लगाने के लिए दांतों का विश्लेषण एक प्राचीन और प्रभावी तरीका है। जब कोई पशु बढ़ता है, तो उसके दांत भी बदलते और विकसित होते हैं। दांतों की संख्या, आकार और घिसाव पशु की उम्र के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, बछड़े के जन्म के समय उसके कुछ दूध के दांत होते हैं। जैसे-जैसे वह बड़ा होता है, ये दूध के दांत स्थायी दांतों से बदल जाते हैं। स्थायी दांतों की संख्या और उनके घिसाव के आधार पर पशु की उम्र का लगभग सटीक अनुमान लगाया जा सकता है। यह विधि विशेषकर गाय, भैंस जैसे बड़े पशुओं के लिए उपयोगी है।
निम्नलिखित फलीदार पौधों में से कौन पेट्रो पादप भी है?
एक ऐसा पौधा है जो इन दोनों श्रेणियों में आता है। फलीदार पौधे वे होते हैं जिनमें फलियां होती हैं, जैसे मटर, चना आदि। ये पौधे मिट्टी में नाइट्रोजन स्थिर करने के लिए जाने जाते हैं। दूसरी ओर, पेट्रो पादप वे पौधे होते हैं जिनसे तेल निकाला जाता है और जिन्हें जैव ईंधन बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। जटरोफा के बीजों में उच्च मात्रा में तेल होता है, जिसके कारण इसे पेट्रो पादप के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। इसलिए, जटरोफा एक ऐसा अनूठा पौधा है जो न केवल मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है बल्कि जैव ईंधन उत्पादन में भी योगदान देता है।
तत्काल शक्ति के लिए खिलाड़ी किसका उपयोग करते है?
खिलाड़ियों को तीव्र गतिविधियों के दौरान तुरंत ऊर्जा की आवश्यकता होती है। कार्बोहाइड्रेट्स शरीर के लिए प्राथमिक ऊर्जा स्रोत होते हैं। जब हम कार्बोहाइड्रेट्स युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, तो वे शरीर में ग्लूकोज में टूट जाते हैं। ग्लूकोज को मांसपेशियां ईंधन के रूप में उपयोग करती हैं, जिससे खिलाड़ियों को तुरंत ऊर्जा मिलती है और वे लंबे समय तक सक्रिय रह सकते हैं। इसलिए, कार्बोहाइड्रेट्स खिलाड़ियों के आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो उच्च तीव्रता वाले खेल खेलते हैं।
पोटैशियम क्लोरेट को गर्म करने पर?
जब हम पोटैशियम क्लोरेट को गर्म करते हैं, तो एक रासायनिक अभिक्रिया होती है जिसे अपघटन अभिक्रिया कहा जाता है। इस अभिक्रिया में, पोटैशियम क्लोरेट टूटकर दो नए पदार्थ बनाता है: पोटैशियम क्लोराइड और ऑक्सीजन गैस। यह अभिक्रिया इस प्रकार लिखी जा सकती है: 2KClO₃ → 2KCl + 3O₂ इस अभिक्रिया में, पोटैशियम क्लोरेट के अणु गर्म होने पर टूट जाते हैं। इस टूटने के दौरान, ऑक्सीजन के परमाणु एक साथ जुड़कर ऑक्सीजन गैस बनाते हैं, जिसे हम आसानी से देख सकते हैं। यह ऑक्सीजन गैस वातावरण में मुक्त हो जाती है। यह अभिक्रिया इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऑक्सीजन गैस बनाने का एक तरीका है। ऑक्सीजन गैस कई औद्योगिक प्रक्रियाओं में और प्रयोगशाला में विभिन्न प्रयोगों के लिए उपयोग की जाती है।

काली मिट्टी का काला रंग किसकी उपस्थिति के कारण होता है?
काली मिट्टी, जिसे रेगुर मिट्टी भी कहा जाता है, अपने गहरे काले रंग के लिए जानी जाती है। यह काला रंग मुख्य रूप से मिट्टी में मौजूद ह्यूमस नामक कार्बनिक पदार्थ के कारण होता है। ह्यूमस पौधों और जीवों के अपघटन से बनता है। यह मिट्टी को उपजाऊ बनाता है और इसमें पानी को सोखने की क्षमता बढ़ाता है। काली मिट्टी में ह्यूमस की उच्च मात्रा होने के कारण ही यह कपास जैसी फसलों के लिए अत्यंत उपयुक्त होती है। इसके अलावा, काली मिट्टी में लोहे और अन्य खनिजों की उपस्थिति भी इसके रंग को प्रभावित करती है।
औसतन मानव मूत्र (अम्लीय) का pH मान है?
मानव शरीर के विभिन्न तरल पदार्थों का अपना विशिष्ट pH मान होता है। मूत्र, जो कि शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को निकालने का एक माध्यम है, सामान्यतः हल्का अम्लीय होता है। इसका औसत pH मान लगभग 6.0 होता है। हालांकि, यह मान व्यक्ति के आहार, स्वास्थ्य की स्थिति और अन्य कारकों के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकता है। मूत्र का pH मान शरीर के अंदरूनी वातावरण को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि मूत्र का pH मान बहुत अधिक या बहुत कम हो जाता है, तो यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। इसलिए, मूत्र परीक्षण शरीर के स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है।
‘सुजाता’ किस पशु की प्रजाति है?
सुजाता नस्ल मुख्य रूप से भारत के पंजाब के फिरोजपुर जिले में स्थित सतलज घाटी में और अविभाजित भारत के सहीवाल क्षेत्र (अब पाकिस्तान में) में पाई जाती है। सुजाता नस्ल अपने उच्च दूध उत्पादन के लिए जानी जाती है, जो डेयरी किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण विशेषता है। वे अपने गुणवत्ता वाले दूध के लिए मूल्यवान हैं, जो क्षेत्र में डेयरी उद्योग में योगदान करते हैं।
भारत का बहुउद्देश्यीय दूरसंचार उपग्रह इन्सैट-2E कहाँ से छोड़ा गया था?
भारत के स्वदेशी उपग्रह INSAT-2E को फ्रेंच गयाना से प्रक्षेपित किया गया था। फ्रेंच गयाना एक फ्रांसीसी समुद्रपार विभाग है जो दक्षिण अमेरिका में स्थित है। इस स्थान को उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए चुना गया क्योंकि यहां यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का एक प्रमुख प्रक्षेपण केंद्र है। इस केंद्र से विभिन्न देशों के उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा जाता है। INSAT-2E जैसे उपग्रहों को फ्रेंच गयाना से प्रक्षेपित करने के पीछे मुख्य कारण यह है कि यहां से उपग्रहों को भू-स्थिर कक्षा में स्थापित करना आसान होता है, जो संचार उपग्रहों के लिए आदर्श होती है।
बकरी की किस नस्ल को जर्सी भी कहा जाता है?
“जर्सी” शब्द का उपयोग एंग्लोनूबियन बकरी की नस्ल के लिए किया जाता है, जो अपनी उच्च दूध उत्पादन क्षमता के लिए जानी जाती है। यह नस्ल ब्रिटेन में विकसित हुई थी और इसे बकरी की दुनिया में “जर्सी” के रूप में जाना जाता है।
‘केन्द्रीय भेंड़ और ऊन अनुसंधान केन्द्र’ कहाँ स्थित है?
केन्द्रीय भेंड़ और ऊन अनुसंधान केन्द्र’ भारत में पशुधन अनुसंधान और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण संस्थान है। यह संस्थान अविकानगर में स्थित है, जो राजस्थान राज्य में स्थित है। अविकानगर एक विशिष्ट क्षेत्र है जो भेड़ और ऊन के अनुसंधान और विकास के लिए समर्पित है। यह केंद्र भेड़ की नस्लों में सुधार, ऊन उत्पादन बढ़ाने, और पशुधन प्रबंधन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देता है। अविकानगर में स्थित होने के कारण, यह केंद्र देश के विभिन्न भागों से आने वाले किसानों और पशुपालकों को अपनी सेवाएं प्रदान करता है, जिससे भेड़पालन और ऊन उत्पादन में सुधार होता है।
‘भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान’ कहाँ स्थित है?
भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान’ (आईवीआरआई) पशु स्वास्थ्य और पशुधन उत्पादकता में सुधार के लिए भारत में एक प्रमुख संस्थान है। यह संस्थान बरेली, उत्तर प्रदेश में स्थित है। आईवीआरआई पशु रोगों के निदान और उपचार, पशुधन प्रबंधन, और पशुधन उत्पादकता में सुधार के लिए शोध और विकास गतिविधियों में शामिल है। यह संस्थान पशु चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए भी जाना जाता है, जो देश भर के पशु चिकित्सकों को प्रशिक्षित करता है। आईवीआरआई का बरेली में स्थित होना पशुधन उद्योग के विकास और पशु स्वास्थ्य में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
निम्नलिखित में से ऑक्सीजन मिश्रित वह निष्क्रिय गैस कौनसी है जो अवरोधित श्वसन से पीड़ित रोगियों को दी जाती है?
हीलियम एक निष्क्रिय गैस है जो ऑक्सीजन के साथ मिलाकर अवरोधित श्वसन से पीड़ित रोगियों को दी जाती है। यह इसलिए है क्योंकि हीलियम हवा से कम घनी होती है, जिससे यह फेफड़ों में आसानी से प्रवेश कर सकती है और ऑक्सीजन को शरीर के सभी भागों तक पहुँचाने में मदद करती है। अवरोधित श्वसन में, फेफड़ों में हवा का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे रोगी को सांस लेने में कठिनाई होती है। हीलियम के उपयोग से ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार होता है और रोगी को सांस लेने में आसानी होती है।
कायिक जनन पाया जाता है?
कायिक जनन एक प्रकार का अलैंगिक प्रजनन है जो केवल पौधों में पाया जाता है। इस प्रक्रिया में, नए पौधे किसी भी वनस्पति भाग जैसे तना, जड़, या पत्ती से विकसित होते हैं। यह प्रजनन विधि पौधों को अपने माता-पिता के समान आनुवंशिक गुणों वाले नए पौधे बनाने की अनुमति देती है। कायिक जनन का उपयोग विभिन्न प्रकार के पौधों के प्रजनन में किया जाता है, जैसे कि फल, सब्जियां, और फूल।
निम्नलिखित में से कौन रबी की फसल है?
गेहूँ’ एक रबी की फसल है, जो सर्दियों के मौसम में बोई जाती है और गर्मियों में काटी जाती है। रबी की फसलें ठंडे मौसम और पर्याप्त नमी की आवश्यकता होती हैं, जो भारत में सर्दियों के महीनों में उपलब्ध होती है। गेहूँ भारत में एक प्रमुख खाद्य फसल है और देश की खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
आपका अगला कदम:
📚 यदि आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो इस पोस्ट को बुकमार्क करें!
🔗 अन्य रोचक विषय पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट विजिट करें।
✍️ कमेंट में बताइए कि आपको यह जानकारी कैसी लगी!