Political GK MCQ Question In Hindi
Political GK केवल एक विषय नहीं है, बल्कि यह समाज और देश को समझने की कुंजी है। यह हमें अपने आसपास घटित राजनीतिक घटनाओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है। इसके अलावा, यह विभिन्न Entrance या Competitive Exam जैसे UPSC CSE, IIT-JEE, NEET, NDA, CAT और अन्य राज्यस्तरीय परीक्षा आदि में अत्यंत महत्वपूर्ण है। Political GK के ज्ञान से आप वर्तमान मामलों पर बेहतर चर्चा कर सकते हैं, विश्लेषणात्मक क्षमता विकसित कर सकते हैं और समाज में एक सक्रिय नागरिक बन सकते हैं। यह आपको न केवल परीक्षाओं में बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफल होने में मदद करेगा।

धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार किस अनुच्छेद के द्वारा दिया गया है?
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 25 धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है। यह अनुच्छेद व्यक्तियों को अपने धर्म का पालन करने, उसे प्रचारित करने और उसका अभ्यास करने का अधिकार देता है। यह अधिकार संविधान के अन्य अधिकारों के साथ मिलकर भारत के नागरिकों को एक सुरक्षित और स्वतंत्र जीवन जीने की अनुमति देता है। धार्मिक स्वतंत्रता का यह अधिकार भारत की विविधता और सहिष्णुता की संस्कृति को दर्शाता है, जो विभिन्न धर्मों के पालन को प्रोत्साहित करता है।
निम्नलिखित में से कौन-सा एक वित्त आयोग का कार्य नहीं है?
वित्त आयोग का मुख्य कार्य राज्य सरकारों के लिए वित्तीय संसाधनों का वितरण करना और उनके वित्तीय स्वास्थ्य का मूल्यांकन करना है। आयोग के द्वारा राज्य सरकारों को केंद्र से वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है। हालांकि, चुनावी प्रक्रिया का संचालन निर्वाचन आयोग का कार्य है, न कि वित्त आयोग का। वित्त आयोग का गठन संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत किया गया है, और इसका उद्देश्य वित्तीय समन्वय को सुनिश्चित करना है।
भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त निम्न में से कौनसा अधिकार गैर नागरिकों को भी उपलब्ध है?
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 सभी व्यक्तियों को समानता का अधिकार प्रदान करता है, चाहे वे नागरिक हों या गैर नागरिक। यह अधिकार भारत में सभी व्यक्तियों को कानून के समक्ष समानता और किसी भी प्रकार के भेदभाव के खिलाफ सुरक्षा देता है। यह अधिकार सुनिश्चित करता है कि सभी व्यक्ति कानून के समक्ष समान हैं, और इसकी अवहेलना करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। यह अधिकार मानवाधिकारों की मूलधारा को भी दर्शाता है।
जब राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति का पद खाली हो, तो भारत के राष्ट्रपति के पद पर कौन होता है?
भारत के संविधान में यह प्रावधान है कि यदि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों के पद रिक्त हो जाएं, तो सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को कार्यवाहक राष्ट्रपति का कार्यभार सौंपा जाता है। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि देश की संवैधानिक व्यवस्था में कोई व्यवधान न आए और सरकार की निरंतरता बनी रहे।
वित्त आयोग क्या है?
वित्त आयोग एक संविधानिक आयोग है, जिसका गठन भारत के संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों के बीच वित्तीय संसाधनों का वितरण करना और राज्यों की वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करना है। आयोग हर पांच साल में गठित होता है और इसे एक अध्यक्ष और अन्य सदस्यों द्वारा नियंत्रित किया जाता है। वित्त आयोग के कार्यों में राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता, करों के वितरण की सिफारिश करना आदि शामिल हैं। यह आयोग देशों के वित्तीय संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
संघ लोक सेवा आयोग का प्रमुख कार्य है?
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का प्रमुख कार्य सरकारी कर्मचारियों की भर्ती करना है। यह आयोग भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 के तहत स्थापित किया गया है और इसका उद्देश्य संघ सरकार की आवश्यकताओं के लिए योग्य और सक्षम व्यक्तियों को चयनित करना है। UPSC विभिन्न स्तरों पर परीक्षाओं का आयोजन करता है, जैसे कि सिविल सेवा परीक्षा, जो भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, और अन्य सेवाओं के लिए होती है। यह आयोग यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी विभागों में भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री की कार्य अवधि होती है?
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री की कार्य अवधि 5 वर्ष होती है। यह अवधि भारतीय संविधान के अनुसार निर्धारित की गई है, जिसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री की कार्यकाल अवधि समान होती है। मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान, वह राज्य की कार्यकारी शक्तियों का संचालन करते हैं और राज्य सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने का कार्य करते हैं। मुख्यमंत्री चुनाव में विजयी होकर विधानसभा के सदस्यों के बीच से चुना जाता है और उसके पास कानून बनाने, राजनीतिक निर्णय लेने और प्रशासनिक कार्यों का संचालन करने का अधिकार होता है।
भारतीय संविधान की संरचना किस प्रकार की है?
भारतीय संविधान की संरचना एक मिश्रित प्रकार की है, जिसमें कठोर और लचीली दोनों विशेषताएँ शामिल हैं। इसका अर्थ है कि कुछ अनुच्छेदों को संशोधित करना कठिन है, जबकि कुछ अनुच्छेदों को संशोधित करना सरल है। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि संविधान की मूल बातें सुरक्षित रहें जबकि समाज की बदलती आवश्यकताओं के अनुसार परिवर्तन भी संभव हो। भारतीय संविधान में विभिन्न प्रकार के प्रावधान शामिल हैं, जो इसे विश्व के अन्य संविधान से अलग बनाते हैं। यह एक व्यापक दस्तावेज है, जो नागरिकों के अधिकारों, कर्तव्यों और सरकार की संरचना का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है।
उच्च न्यायालय को किसका अधीक्षण करने का अधिकार है?
उच्च न्यायालय को जिला न्यायालयों का अधीक्षण करने का अधिकार होता है। यह अधीक्षण सुनिश्चित करता है कि जिला न्यायालय अपने कार्यों में सही तरीके से कार्य कर रहे हैं और कानून का पालन कर रहे हैं। उच्च न्यायालय न केवल जिला न्यायालयों की कार्यप्रणाली की समीक्षा करता है, बल्कि आवश्यकतानुसार उनके निर्णयों को भी संशोधित कर सकता है। यह प्रणाली न्यायिक प्रक्रिया में अनुशासन और न्याय सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे न्यायालयों के बीच समन्वय स्थापित होता है और नागरिकों को उचित न्याय मिल सके।
भारत का ग्रैण्ड ओल्ड मैन किसे कहा जाता है?
दादाभाई नौरोजी (1825-1917) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता थे। उन्होंने भारत के आर्थिक शोषण पर ध्यान केंद्रित किया और इसे इंग्लैंड में उठाने के लिए कई बार ब्रिटिश संसद में आवाज उठाई। नौरोजी ने 1906 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय जनता के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उन्हें भारतीय राजनीति का “पितामह” भी कहा जाता है।

लोकसभा में विपक्ष के किसी दल के नेता के रूप में मान्यता किसके द्वारा दी जाती है?
लोकसभा में विपक्ष के किसी दल के नेता के रूप में मान्यता लोकसभा के अध्यक्ष द्वारा दी जाती है। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि विपक्षी दलों को भी संसद में अपने विचार व्यक्त करने का अवसर मिले। अध्यक्ष की भूमिका इस मामले में महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि वह सदन के कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जिम्मेदार हैं। विपक्ष के नेता को मान्यता मिलने से उसे सदन में विशेष अधिकार मिलते हैं, जिससे वह अपनी बात को प्रभावी ढंग से रख सकता है।
राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति में किससे परामर्श करते हैं?
राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श करते हैं। यह प्रक्रिया न्यायपालिका की स्वायत्तता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। मुख्य न्यायाधीश की राय इस नियुक्ति प्रक्रिया में केंद्रीय भूमिका निभाती है, जिससे सुनिश्चित होता है कि योग्य और सक्षम व्यक्तियों को न्यायपालिका में स्थान मिले। इस प्रक्रिया से यह भी सुनिश्चित होता है कि न्यायालयों में राजनीतिक हस्तक्षेप कम से कम हो।
बंधुआ मजदूर (उन्मूलन) अधिनियम संसद ने पारित किया था?
बंधुआ मजदूरी एक प्रकार की गुलामी होती है जहां व्यक्ति अपने कर्ज के कारण काम करने को मजबूर होता है। भारत में बंधुआ मजदूरी की प्रथा को समाप्त करने के लिए, संसद ने 1976 में बंधुआ मजदूर (उन्मूलन) अधिनियम पारित किया। यह अधिनियम न केवल बंधुआ मजदूरों को स्वतंत्रता प्रदान करता है, बल्कि उनके कर्ज की समाप्ति का भी प्रावधान रखता है, जिससे वे एक नए जीवन की शुरुआत कर सकें।
राज्यसभा के सदस्यों को नाभित करने का अधिकार निम्नलिखित में से किसको है?
राज्यसभा के सदस्यों को नाभित करने का अधिकार राष्ट्रपति को है। भारतीय संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति राज्यसभा के सदस्यों में से 12 सदस्यों को नामांकित करते हैं, जो विशेष रूप से विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखते हैं। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि राज्यसभा में विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व हो और जो लोग समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं, उन्हें संसद में स्थान मिले। यह प्रावधान संसद के कार्यों को विविधता और विशेषज्ञता प्रदान करने में मदद करता है।
भारत की संविधान सभा की पहली बैठक किस वर्ष हुई थी?
भारत की संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 में हुई थी। इस सभा का गठन स्वतंत्र भारत के संविधान को तैयार करने के लिए किया गया था। संविधान सभा में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल थे, और इसका उद्देश्य एक ऐसा संविधान तैयार करना था जो भारतीय नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रताओं की सुरक्षा करे। संविधान सभा की बैठकें संविधान के निर्माण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण थीं, और इसके परिणामस्वरूप 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ।
लोकसभा का सचिवालय सीधे नियंत्रित होता है?
लोकसभा का सचिवालय सीधे लोकसभा के अध्यक्ष द्वारा नियंत्रित होता है। सचिवालय का कार्य लोकसभा के समस्त कार्यों का संचालन करना और सदन की प्रशासनिक गतिविधियों को संभालना है। यह सचिवालय सदन की बैठकों, विधेयकों, और अन्य गतिविधियों के लिए आवश्यक सभी सामग्री तैयार करता है। अध्यक्ष की भूमिका इस सचिवालय के कार्यों में निगरानी और दिशा-निर्देश देने की होती है, जिससे सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सके।
राज्य के गवर्नर को कौन शपथ दिलाता है?
भारत में, राज्यपाल की नियुक्ति और शपथ ग्रहण एक संवैधानिक प्रक्रिया है जो यह सुनिश्चित करती है कि राज्यपाल आधिकारिक तौर पर अपनी जिम्मेदारियाँ ग्रहण करें। राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राज्यपाल को शपथ दिलाते हैं, जो राज्य के प्रशासन में राज्यपाल की भूमिका के न्यायिक प्राधिकरण के समर्थन का प्रतीक है। यह महत्वपूर्ण समारोह भारतीय राजनीतिक व्यवस्था के भीतर शक्तियों के पृथक्करण और कानून के शासन को रेखांकित करता है।
भारत सरकार के सर्वोच्च शासकीय अधिकारी कौन है?
भारत सरकार के सर्वोच्च शासकीय अधिकारी राष्ट्रपति होते हैं। राष्ट्रपति भारत का संवैधानिक प्रमुख होते हैं और उनका कार्यभार संविधान के अनुसार निर्धारित होता है। राष्ट्रपति का अधिकार कार्यकारी शक्तियों का प्रतिनिधित्व करना, कानूनों को लागू करना, और राज्य के मामलों का संचालन करना है। इसके अलावा, राष्ट्रपति कई महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल होते हैं, जैसे कि सरकारी नियुक्तियाँ, अंतर्राष्ट्रीय समझौतों का अनुमोदन, और आपातकाल की स्थिति में आवश्यक निर्णय लेना। राष्ट्रपति का पद भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली में महत्वपूर्ण होता है।
राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन किस वर्ष किया गया था?
राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन 1956 में किया गया था। इसका उद्देश्य भारत के राज्यों के पुनर्गठन की प्रक्रिया को सुगम बनाना और राज्यों की सीमाओं को भाषाई और सांस्कृतिक आधार पर पुनर्व्यवस्थित करना था। आयोग ने विभिन्न राज्यों की भाषाओं, संस्कृति, और अन्य कारकों के आधार पर नए राज्य बनाने की सिफारिशें की। इसके परिणामस्वरूप कई राज्यों का गठन हुआ और भारतीय संघ की संरचना में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए। यह आयोग भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।
संविधान की कौन-सी अनुसूची में क्षेत्रीय भाषाओं का उल्लेख है?
भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में क्षेत्रीय भाषाओं का उल्लेख है। इस अनुसूची में उन भाषाओं की सूची दी गई है, जिन्हें भारत में आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है। वर्तमान में इसमें 22 भाषाएँ शामिल हैं, जो विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों की सांस्कृतिक विविधता का प्रतिनिधित्व करती हैं। यह अनुसूची भाषाई और सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और इसे संविधान में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है, जिससे विभिन्न भाषाओं के संरक्षण और विकास को प्रोत्साहित किया जा सके।
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