History GK MCQ Question In Hindi
इतिहास का सामान्य ज्ञान (History GK) न केवल हमारे अतीत को समझने में मदद करता है बल्कि विभिन्न Entrance या Competitive Exam में भी बेहद महत्वपूर्ण होता है। चाहे आप UPSC CSE, IIT-JEE, NEET, NDA, CAT या राज्य स्तरीय परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हों, History के ज्ञान के बिना सफलता पाना मुश्किल है। इतिहास हमें वर्तमान परिस्थितियों को बेहतर ढंग से समझने और भविष्य के लिए तैयार होने में मदद करता है।

चारमीनार का निर्माण किसने कराया था?
चारमीनार हैदराबाद का एक प्रसिद्ध स्मारक है, जिसे कुतुब शाह ने 1591 में बनवाया था। यह चारों ओर से चार द्वारों के लिए जाना जाता है और इसे एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रतीक माना जाता है। यह न केवल एक पर्यटन स्थल है, बल्कि यह हैदराबाद की पहचान भी है। चारमीनार का निर्माण उस समय हुआ जब हैदराबाद का शहर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र बन रहा था। इसका वास्तुशिल्प इस्लामी शैली का है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है।
ब्रिटिश सरकार ने बंगाल विभाजन को प्रतिसहृत किस वर्ष किया था?
ब्रिटिश सरकार ने 1905 में बंगाल का विभाजन किया था, लेकिन इसे 1911 में वापस लिया गया। यह विभाजन हिंदू और मुसलमानों के बीच विभाजन को बढ़ाने के लिए किया गया था, जिससे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में और अधिक उथल-पुथल हुई। विभाजन के विरोध में कई आंदोलन हुए, जिसमें कांग्रेस का महत्वपूर्ण योगदान रहा। 1911 में, जब विभाजन को खत्म किया गया, तो बंगाल को एक बार फिर से एकीकृत किया गया। यह घटना भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी।
गदर पार्टी के एक प्रमुख नेता थे?
गदर पार्टी की स्थापना 1913 में अमेरिका में हुई थी, और इसके प्रमुख नेताओं में से एक लाला हरदयाल थे। यह पार्टी भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम को प्रेरित करने के लिए बनाई गई थी। गदर पार्टी ने भारतीय प्रवासियों को एकजुट करने और भारत में विद्रोह के लिए प्रेरित करने का कार्य किया। लाला हरदयाल ने इस आंदोलन के माध्यम से युवाओं को प्रेरित किया और भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष का एक नया मार्ग प्रशस्त किया।
निम्नलिखित में से किसने बड़े पैमाने पर स्वर्ण मुद्राएँ चलाई थी?
कुषाण सम्राट कनिष्क ने अपने शासन के दौरान बड़े पैमाने पर स्वर्ण मुद्राएँ चलाई थीं। उनका शासनकाल 1-200 ईस्वी के बीच माना जाता है और वे बौद्ध धर्म के प्रेरक समर्थक थे। कनिष्क की स्वर्ण मुद्राएँ न केवल आर्थिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थीं, बल्कि उन्होंने कला और संस्कृति के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन मुद्राओं पर विभिन्न धार्मिक प्रतीकों और चित्रों का अंकन किया जाता था, जो उस समय की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाता है।
हड़प्पा के लोगों की सामाजिक पद्धति क्या थी?
हड़प्पा सभ्यता (जिसे सिंधु घाटी सभ्यता भी कहा जाता है) के लोग एक सामुदायिक सामाजिक पद्धति में रहते थे। यहां के लोग कृषि, व्यापार और हस्तशिल्प में लगे हुए थे। हड़प्पा की बस्तियाँ योजनाबद्ध थीं, जिसमें घरों का निर्माण एक समान आकार और आकार में किया गया था। इसका अर्थ है कि समाज में एक समानता और सामूहिकता का भाव था। सामाजिक संरचना में विभिन्न वर्ग थे, लेकिन यह वर्ग भेद बहुत स्पष्ट नहीं थे। हड़प्पा की संस्कृति ने सामुदायिक जीवन को प्राथमिकता दी, जो उनकी सामाजिक स्थिरता का संकेत है।
प्राचीनतम तमिल देवता मुरुगन किस वैदिक देवता के सदृश्य हैं?
मुरुगन, जिसे कार्तिकेय भी कहा जाता है, प्राचीनतम तमिल देवता हैं और वे रुद्र के समान माने जाते हैं। रुद्र एक महत्वपूर्ण वैदिक देवता हैं, जिन्हें युद्ध और विजय का देवता माना जाता है। मुरुगन की पूजा मुख्य रूप से दक्षिण भारत में की जाती है, और उन्हें युद्ध, विजय और साहस का प्रतीक माना जाता है। उनकी विशेषताएँ और गुण रुद्र से मिलते जुलते हैं, जैसे युद्ध कौशल और शक्ति। मुरुगन के भक्त उन्हें अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और विजय प्राप्ति के लिए पूजा करते हैं।
बौद्ध धर्म ग्रहण करनेवाली पहली महिला कौन थी?
महाप्रजापति गौतमी बौद्ध धर्म को ग्रहण करने वाली पहली महिला मानी जाती हैं। वे भगवान बुद्ध की मौसी और पालक माता थीं। जब बुद्ध ने संन्यास लिया, तो महाप्रजापति ने भी बौद्ध धर्म को अपनाया और महिलाओं के लिए भिक्षुणी संघ की स्थापना की। यह एक महत्वपूर्ण घटना थी, क्योंकि इससे महिलाओं को भी बौद्ध धर्म के शिक्षाओं को अपनाने का अवसर मिला। महाप्रजापति ने बौद्ध धर्म के सिद्धांतों का पालन करते हुए अपने अनुयायियों को भी उत्साहित किया। उनका योगदान बौद्ध धर्म में महिलाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बनाता है।
होयसल की राजधानी का नाम क्या है?
होयसल साम्राज्य की राजधानी हालेबिदु थी, जिसे पहले द्वारसमुद्र के नाम से जाना जाता था। यह स्थान कर्नाटक राज्य में स्थित है और यहां पर होयसल वास्तुकला के अद्भुत उदाहरण पाए जाते हैं। हालेबिदु को इसकी शानदार मंदिरों और वास्तुकला के लिए जाना जाता है, जैसे कि हौसलेश्वर मंदिर। इस शहर की विशेषता इसकी जटिल नक्काशी और स्थापत्य कला है, जो इसे एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल बनाती है। होयसल साम्राज्य ने 10वीं से 14वीं शताब्दी तक दक्षिण भारत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसने समृद्ध संस्कृति को बढ़ावा दिया।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष कौन थी?
सरोजिनी नायडू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक प्रमुख नेता थीं और वे अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनीं। उन्हें “भारत की नाइटिंगेल” के नाम से भी जाना जाता है। 1925 में, उन्होंने कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभाला। नायडू ने न केवल स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और शिक्षा के क्षेत्र में भी सक्रियता दिखाई। उनकी कविताएँ और लेखन भारतीय संस्कृति और साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान रखते हैं। उनकी कार्यशैली और नेतृत्व ने बड़ी संख्या में महिलाओं को स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
भीमबेतका किसके लिए प्रसिद्ध है?
भीमबेतका मध्य प्रदेश में स्थित प्रागैतिहासिक चित्रकला के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थल यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है। यहां पर प्राचीन मानवों द्वारा बनाई गई चित्रकारी पाई जाती है, जो लगभग 30,000 वर्ष पुरानी मानी जाती है। भीमबेतका की गुफाओं में चित्रित चित्रों में शिकार, नृत्य, और अन्य सामाजिक गतिविधियाँ दर्शाई गई हैं। ये चित्र मानव सभ्यता के विकास और उनके जीवन शैली को समझने में मदद करते हैं। इस स्थल ने पुरातत्वविदों और इतिहासकारों को प्राचीन मानव जीवन के अध्ययन में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है।

आजीवक संप्रदाय के संस्थापक कौन थे?
आजीविक संप्रदाय प्राचीन भारत में बुद्ध और महावीर के समय में एक महत्वपूर्ण दार्शनिक आंदोलन के रूप में उभरा। मक्खली गोशाला द्वारा स्थापित, इस संप्रदाय ने अन्य धार्मिक समूहों द्वारा प्रचारित कर्म और आध्यात्मिक मुक्ति के विचारों का विरोध किया। आजीविकों ने एक नियतिवादी विश्वदृष्टि की वकालत की, जिसमें दावा किया गया कि व्यक्तियों का भाग्य पूर्वनिर्धारित था और मानव प्रयास का किसी के भाग्य पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है। इस अद्वितीय दृष्टिकोण ने आजीविक संप्रदाय को भारत के धार्मिक और दार्शनिक प्रवचन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया।
गार्डन सिटी की अवधारणा किसने विकसित की थी?
गार्डन सिटी की अवधारणा एबनेज़र हॉवर्ड द्वारा विकसित की गई थी। उन्होंने 1898 में “गार्डन सिटी: एट द एंड ऑफ़ द लैंड” नामक पुस्तक में इस विचार को प्रस्तुत किया। हॉवर्ड का उद्देश्य शहरीकरण के नकारात्मक प्रभावों को कम करना और एक संतुलित जीवनशैली को बढ़ावा देना था। गार्डन सिटी में प्राकृतिक सौंदर्य और कृषि भूमि का समावेश होता है, जो लोगों को एक स्वस्थ और सामुदायिक जीवन जीने का अवसर प्रदान करता है। उनका यह विचार आज भी शहरी योजना में महत्वपूर्ण है और इसे कई देशों में लागू किया गया है।
बंगाल और उड़ीसा में वैष्णवाद को लोकप्रिय बनाने का श्रेय किसे है?
चैतन्य महाप्रभु को बंगाल और उड़ीसा में वैष्णवाद को लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने 15वीं सदी में वैष्णव धर्म का प्रचार किया और भक्ति आंदोलन को प्रेरित किया। चैतन्य महाप्रभु ने भक्ति को एक सशक्त माध्यम माना और उन्होंने सभी जातियों और वर्गों के लोगों को भक्ति की ओर आकर्षित किया। उनके अनुयायी गौड़ीया वैष्णवाद के सिद्धांतों का पालन करते हैं, जो भगवान कृष्ण की पूजा पर केंद्रित है। उनके जीवन और शिक्षाएं आज भी भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
कौन-सा वेद अंशतः गद्य रूप में भी रचित है?
यजुर्वेद वेदों में से एक है, जो अंशतः गद्य रूप में भी रचित है। यजुर्वेद मंत्रों के साथ-साथ विभिन्न यज्ञों और अनुष्ठानों के लिए आवश्यक निर्देश और सूत्र प्रदान करता है। यह वेद वेदों के चार भागों में से एक है और इसमें धार्मिक, दार्शनिक, और विधिक ज्ञान का समावेश है। यजुर्वेद में गद्य और पद्य दोनों रूपों में जानकारी है, जो इसे अन्य वेदों से अलग बनाता है। इसकी विविधता और गहराई इसे भारतीय संस्कृति और धर्म के अध्ययन में महत्वपूर्ण बनाती है।
निम्नलिखित में से किसने इबादतखाना बनाया है?
अकबर ने इबादतखाना, जिसे “हाउस ऑफ वर्शिप” भी कहा जाता है, की स्थापना की थी। यह एक बहुःधार्मिक केंद्र था, जहां विभिन्न धर्मों के विचारों और विश्वासों पर चर्चा की जाती थी। इबादतखाना की स्थापना 1575 में की गई थी और यह अकबर के धार्मिक सहिष्णुता के दृष्टिकोण का प्रतीक था। अकबर ने विभिन्न धर्मों के विद्वानों को आमंत्रित किया और धार्मिक संवाद को बढ़ावा दिया। इसका उद्देश्य समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देना था, जो उस समय की आवश्यकता थी।
निम्नलिखित यूरोपीय शक्तियों में किसने शिवाजी को तोपें प्रदान की?
शिवाजी, जो मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे, को पुर्तगाल ने तोपें प्रदान की थीं। शिवाजी ने अपने साम्राज्य को मजबूत करने के लिए विदेशी तकनीक और हथियारों का उपयोग किया। पुर्तगालियों ने उनका समर्थन किया, क्योंकि वे भी भारतीय उपमहाद्वीप में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहते थे। शिवाजी ने इन तोपों का इस्तेमाल अपने दुश्मनों के खिलाफ युद्ध में किया और अपनी सामरिक क्षमता को बढ़ाया। यह सहयोग दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद साबित हुआ और उनके बीच एक रणनीतिक संबंध स्थापित हुआ।
जिसके ग्रंथ में चन्द्रगुप्त मौर्य का विशिष्ट रूप से वर्णन हुआ है वह है?
चन्द्रगुप्त मौर्य का विशिष्ट वर्णन कौटिल्य के ग्रंथ अर्थशास्त्र में मिलता है। अर्थशास्त्र एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो राज्य संचालन, प्रशासन, आर्थिक नीतियों और युद्ध की रणनीतियों पर आधारित है। कौटिल्य ने चन्द्रगुप्त मौर्य के शासनकाल के दौरान राजनीतिक और आर्थिक रणनीतियों का वर्णन किया है। इस ग्रंथ ने मौर्य साम्राज्य की स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश प्रदान किए। इसे भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र के अध्ययन में एक महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है।
पुरापाषाण काल में आदिमानव के मनोरंजन के साधन थे –
पुरापाषाण काल में आदिमानव के मनोरंजन के साधनों में चित्रकला प्रमुख थी। प्रागैतिहासिक मानव ने गुफाओं की दीवारों पर चित्र बनाकर अपने विचारों और अनुभवों को व्यक्त किया। ये चित्र शिकार, नृत्य, और धार्मिक अनुष्ठानों को दर्शाते थे। चित्रकला ने न केवल आदिमानव की भावनाओं और कल्पनाओं को व्यक्त करने का कार्य किया, बल्कि यह उनकी दैनिक जीवन की गतिविधियों का भी दस्तावेज़ीकरण किया। इन चित्रों के माध्यम से हम उस समय के मानव जीवन, उनके विश्वासों और सामाजिक संरचना के बारे में जान सकते हैं।
निम्न में से किस आंदोलन में सरदार वल्लभभाई पटेल ने मुख्य भूमिका निभाई?
बारडोली सत्याग्रह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक महत्वपूर्ण घटना थी, जहाँ किसानों ने अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाई। इस आंदोलन के दौरान, किसानों ने सरकार द्वारा लगाए गए 22% टैक्स में वृद्धि का विरोध किया। सरदार पटेल ने इस आंदोलन की रणनीति और संगठन का नेतृत्व किया, जिसके परिणामस्वरूप किसानों को सफलता मिली और यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख हिस्सा बन गया।
वैदिक गणित का महत्वपूर्ण अंग है?
सुल्वा सूत्र प्राचीन भारतीय गणित का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिनका प्रयोग मुख्यतः वास्तुकला के संदर्भ में किया जाता है। इन सूत्रों से मंदिरों और अन्य इमारतों के निर्माण में गणितीय परिशुद्धता प्राप्त करने में मदद मिली। इसमें बौधायन, मानव, आपस्तम्ब और कात्यायन जैसे प्रमुख सूत्र शामिल हैं, जो गणितीय समस्याओं का समाधान प्रदान करते हैं।
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