Chemistry GK MCQ Question In Hindi
Chemistry, हमारे आसपास की दुनिया को समझने का एक महत्वपूर्ण आधार है। Chemistry GK न केवल आपको विभिन्न पदार्थों और उनकी प्रतिक्रियाओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है बल्कि यह आपके तार्किक सोच को भी विकसित करता है। कई Entrance या Competitive Exam में रसायन विज्ञान के सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं, जैसे कि UPSC CSE, IIT-JEE, NEET, NDA, CAT और विभिन्न राज्य स्तरीय परीक्षाओं में। Chemistry GK का ज्ञान आपको इन परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह दैनिक जीवन में होने वाली कई घटनाओं को समझने में भी आपकी सहायता करता है।

इथिलीन सल्फ़र मोनोक्साइड के साथ प्रतिक्रिया कर कौन सी विषैली गैस बनाता है?
इथिलीन सल्फर मोनोक्साइड (C2H4SO) एक रासायनिक यौगिक है जो सल्फर और कार्बन के यौगिकों के बीच एक महत्वपूर्ण मध्यवर्ती है। जब यह सल्फर के साथ प्रतिक्रिया करता है, तो यह सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) उत्पन्न करता है, जो एक विषैली गैस है। सल्फर डाइऑक्साइड का उपयोग विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं में किया जाता है, लेकिन यह मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। यह गैस वायुमंडल में प्रदूषण का एक स्रोत है और इसे नियंत्रित करने के लिए कई नियम और मानक स्थापित किए गए हैं।
मीथेन गैस उत्पादन करने वाला क्षेत्र है?
मीथेन गैस, जो एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है, स्वैम्प (दलदली क्षेत्र) में उत्पन्न होती है। यह प्राकृतिक रूप से जैविक अपशिष्ट के विघटन से उत्पन्न होती है, जो कि जलवायु स्थितियों में होती है। दलदली क्षेत्रों में, पौधों और जीवों के अवशेष एकत्रित होते हैं, और जब ये अवशेष anaerobic (ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में) परिस्थितियों में विघटित होते हैं, तो मीथेन का उत्पादन होता है। मीथेन का यह उत्पादन जलवायु परिवर्तन में योगदान करता है, इसलिए इसे नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है।
जिस न्यूनतम ताप पर कोई पदार्थ जलना शुरू करता है, उसे उस पदार्थ को कहते हैं?
इग्निशन ताप (Ignition Temperature) वह न्यूनतम तापमान है जिस पर कोई पदार्थ जलना शुरू कर देता है। यह तापमान पदार्थ की रासायनिक संरचना और बाहरी परिस्थितियों पर निर्भर करता है। जब तापमान इग्निशन ताप से अधिक हो जाता है, तो पदार्थ में मौजूद ऊर्जा उसे जलने के लिए प्रेरित करती है। यह अवधारणा अग्नि सुरक्षा में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि किसी भी ज्वलनशील पदार्थ के आस-पास के वातावरण को सुरक्षित रखा जाए।
पुरातत्वीय खोजों के काल निर्धारण के लिए निम्नलिखित में से किसका प्रयोग किया जाता है?
पुरातत्वीय खोजों के काल निर्धारण के लिए कई तकनीकों का उपयोग किया जाता है। इनमें रेडियोकार्बन डेटिंग, जो कार्बन-14 का उपयोग करती है, थर्मोल्यूमिनसेंस डेटिंग, जो खनिजों में संग्रहित ऊर्जा का उपयोग करती है, और पोटैशियम-आर्गन डेटिंग, जो पोटैशियम और आर्गन के अनुपात को मापती है, शामिल हैं। ये सभी विधियाँ पुरातत्व में महत्वपूर्ण हैं और विभिन्न प्रकार के सामग्री के लिए उपयुक्त हैं। इस प्रकार, ये विधियाँ पुरातात्विक अवशेषों की आयु का निर्धारण करने में सहायक होती हैं।
कर्पूर को किस विधि द्वारा शुद्ध किया जाता है?
कर्पूर (Camphor) को शुद्ध करने के लिए मुख्यतः क्रिस्टलीकरण की विधि का उपयोग किया जाता है। यह एक प्रक्रिया है जिसमें तरल कर्पूर को ठंडा किया जाता है, जिससे वह ठोस रूप में बदल जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, impurities बाहर रह जाती हैं, और शुद्ध कर्पूर प्राप्त होता है। कर्पूर का उपयोग औषधीय और सुगंधित उत्पादों में किया जाता है, और इसकी शुद्धता महत्वपूर्ण होती है ताकि इसके उपयोग में कोई हानि न हो।
18 कैरेट के मिश्रित सोने में शुद्ध सोने का प्रतिशत कितना है?
18 कैरेट सोने का अर्थ है कि इसमें शुद्ध सोने का अनुपात 75% है। शेष 25% अन्य धातुओं जैसे चांदी, तांबा या जस्ता हो सकते हैं, जो सोने की कठोरता और रंग को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। कैरेट प्रणाली सोने की शुद्धता को मापने के लिए उपयोग की जाती है, और उच्च कैरेट के सोने का मूल्य अधिक होता है। इसलिए, 18 कैरेट सोना एक लोकप्रिय विकल्प है, खासकर आभूषणों में, क्योंकि यह मजबूत और टिकाऊ होता है।
किसके द्वारा न्यूट्रॉन की खोज हुई थी?
न्यूट्रॉन की खोज जेम्स चेडविक द्वारा 1932 में की गई थी। उन्होंने यह सिद्ध किया कि न्यूट्रॉन एक तटस्थ कण है, जो परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन के साथ मौजूद होता है। चेडविक की खोज ने परमाणु भौतिकी में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाया, जिससे आगे चलकर परमाणु बम के विकास और नाभिकीय ऊर्जा के उपयोग में मदद मिली। न्यूट्रॉन की उपस्थिति ने यह भी स्पष्ट किया कि परमाणु का द्रव्यमान केवल प्रोटॉन के द्वारा नहीं, बल्कि न्यूट्रॉन के माध्यम से भी प्रभावित होता है।
सोना को कठोर बनाने के लिए उसमें के मिलाया जाता है?
सोने को कठोर बनाने के लिए इसमें तांबा मिलाया जाता है। शुद्ध सोना बहुत नरम होता है, और इसे आभूषणों या अन्य औद्योगिक उपयोगों के लिए मजबूत बनाने के लिए अन्य धातुओं के साथ मिश्रित किया जाता है। तांबा न केवल सोने की कठोरता को बढ़ाता है, बल्कि इसे एक आकर्षक गुलाबी रंग भी देता है। तांबा के साथ मिश्रण के कारण सोने की स्थायित्व भी बढ़ती है, जिससे यह दीर्घकालिक उपयोग के लिए अधिक उपयुक्त बनता है।
निम्न में कौन सा आवेश रहित कण है?
न्यूट्रॉन एक आवेश रहित कण है जो परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन के साथ मौजूद होता है। इसका द्रव्यमान प्रोटॉन के लगभग समान होता है, लेकिन यह नकारात्मक या सकारात्मक चार्ज नहीं रखता। न्यूट्रॉन की उपस्थिति परमाणु की स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यदि किसी परमाणु में न्यूट्रॉन की संख्या बदलती है, तो यह आयसोस्टोप्स का निर्माण कर सकता है, जो विभिन्न भौतिक और रासायनिक गुणों के साथ होते हैं।
निम्न में से सबसे सख्त कौन है?
हीरा पृथ्वी पर ज्ञात सबसे सख्त पदार्थ है। इसका सख्त गुण इसके अद्वितीय क्रिस्टल संरचना के कारण होता है, जिसमें कार्बन परमाणु एक दूसरे के साथ मजबूत समकोणीय बंधनों से जुड़े होते हैं। हीरे का उपयोग आभूषणों में सबसे अधिक होता है, लेकिन इसका औद्योगिक उपयोग भी होता है, जैसे कि काटने और ड्रिलिंग उपकरणों में। हीरे की कठोरता इसे कई अन्य पदार्थों से अलग बनाती है, और इसे उच्चतम मूल्यांकन प्राप्त होता है।

पेट्रोल की गुणवता किस्से अभिवयक्त की जाती है?
पेट्रोल की गुणवता को ऑक्टेन संख्या के माध्यम से मापा जाता है। ऑक्टेन संख्या यह निर्धारित करती है कि पेट्रोल इंजन में कैसे जलता है। उच्च ऑक्टेन संख्या वाले पेट्रोल का अर्थ है कि वह अधिक दबाव और तापमान पर जलने में सक्षम है, जिससे इंजन की कार्यक्षमता में सुधार होता है और पिंगिंग (गड़गड़ाहट) की समस्या कम होती है। इसलिए, ऑक्टेन संख्या एक महत्वपूर्ण मानक है जो वाहन के प्रदर्शन को प्रभावित करता है।
निम्नलिखित अधातु तत्व में धात्विक चमक होती है?
आयोडीन के बाहरी इलेक्ट्रॉनों की व्यवस्था इस तरह होती है कि वे दृश्य प्रकाश को परावर्तित करते हैं, जिससे हमें चमकदार बैंगनी-काला रंग दिखाई देता है। आयोडीन के अणु एक-दूसरे से कमजोर वान्डर वाल्स बलों से जुड़े होते हैं। ये बल अणुओं को एक निश्चित क्रम में व्यवस्थित होने देते हैं, जिससे प्रकाश का परावर्तन होता है और चमकदार सतह बनती है।
निम्न में किस प्रकार के उत्प्रेरक उत्तम सिद्ध होते हैं?
विभिन्न प्रकार के उत्प्रेरक विभिन्न प्रक्रियाओं में उपयोग किए जाते हैं। रासायनिक उत्प्रेरक रासायनिक प्रतिक्रियाओं की गति को बढ़ाते हैं, जबकि भौतिक उत्प्रेरक भौतिक प्रक्रियाओं में मदद करते हैं। जैविक उत्प्रेरक, जिन्हें एंजाइम भी कहा जाता है, जैविक प्रतिक्रियाओं को तेज करते हैं। इन तीनों प्रकार के उत्प्रेरक विभिन्न उद्योगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जैसे कि रासायनिक, खाद्य, और औषधि उद्योग।
संतृप्त हाइड्रोकार्बन का सामान्य सूत्र है?
संतृप्त हाइड्रोकार्बन का सामान्य सूत्र CnH2n+2 है, जहां n कार्बन के अणुओं की संख्या है। ये यौगिक केवल सिंगल बंधों से बने होते हैं और इनमें अधिकतम हाइड्रोजन परमाणु होते हैं। ये हाइड्रोकार्बन सामान्यतः अल्केन के रूप में जाने जाते हैं और इनका उपयोग ईंधन के रूप में किया जाता है। संतृप्त हाइड्रोकार्बन की स्थिरता और उच्च ऊर्जा घनत्व इन्हें विभिन्न उद्योगों में महत्वपूर्ण बनाते हैं।
₁₅P³¹ तथा ₁₄Si³º हैं?
₁₅P³¹ और ₁₄Si³º दोनों समस्थानिक हैं, जो तत्वों के विभिन्न रूप होते हैं जिनमें प्रोटॉन की संख्या समान होती है लेकिन न्यूट्रॉन की संख्या भिन्न होती है। ये समस्थानिक भौतिक और रासायनिक गुणों में भिन्न होते हैं, लेकिन उनका तत्व समान होता है। समस्थानिकों का अध्ययन न केवल भौतिक विज्ञान में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह रासायनिक प्रतिक्रियाओं और उनके प्रभावों को भी समझने में मदद करता है।
टेप्लोन ने पाया जाने वाला हेलोजन है?
टेप्लोन एक विशेष प्रकार का रसायन है जो मुख्यतः फ्लोरीन में पाया जाता है। फ्लोरीन, हेलोजन समूह का सबसे हल्का तत्व है और यह अत्यधिक प्रतिक्रियाशील है। इसका उपयोग विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं में किया जाता है, जैसे कि प्लास्टिक और रसायनों के उत्पादन में। फ्लोरीन की विषाक्तता और उच्च प्रतिक्रियाशीलता इसे बहुत सावधानी से संभालने की आवश्यकता बनाती है।
कौन-सी धातु अपने ही ऑक्साइड से रक्षित होता है?
एल्युमिनियम एक ऐसा धातु है जो अपने ही ऑक्साइड से रक्षित होता है। जब एल्युमिनियम वायुमंडलीय ऑक्सीजन के संपर्क में आता है, तो यह ऑक्साइड की एक पतली परत बना लेता है, जो इसे आगे के ऑक्सीकरण से बचाती है। यही कारण है कि एल्युमिनियम का उपयोग विभिन्न निर्माण और औद्योगिक अनुप्रयोगों में बड़े पैमाने पर किया जाता है। यह विशेषता इसे एक लोकप्रिय विकल्प बनाती है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां जंग और ऑक्सीकरण एक समस्या हो सकते हैं।
रसायन उद्योग में कौन सा तेजाब ‘ मूल रसायन ‘ माना जाता है?
सल्फ्यूरिक एसिड (H2SO4) रसायन उद्योग में ‘मूल रसायन’ माना जाता है। यह एक अत्यधिक महत्वपूर्ण और बहुपरकार का रसायन है, जो अनेक रासायनिक प्रतिक्रियाओं में उपयोग होता है। इसका उपयोग उर्वरक, पेट्रोलियम शोधन, और धातु निष्कर्षण में किया जाता है। सल्फ्यूरिक एसिड की यह विशेषता इसे विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं में एक आवश्यक घटक बनाती है।
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का एक अन्य नाम है?
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का एक अन्य नाम म्यूरियेटिक एसिड है। यह एक मजबूत अम्ल है और इसका उपयोग औद्योगिक प्रक्रियाओं में, जैसे धातु की सफाई, खाद्य उद्योग में, और रसायन संश्लेषण में किया जाता है। हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की यह विशेषता इसे एक महत्वपूर्ण रसायन बनाती है, जिसे सावधानी से संभालने की आवश्यकता होती है।
निम्न में से कौन सा अम्ल वर्षा के लिए उत्तरदायी होता है?
सल्फ्यूरिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल, और कार्बोनिक अम्ल सभी अम्ल वर्षा के लिए उत्तरदायी होते हैं। ये अम्ल वायुमंडल में प्रदूषकों के प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप बनते हैं और वर्षा के दौरान जल में घुलकर अम्लीय बारिश का कारण बनते हैं। अम्लीय वर्षा पर्यावरण के लिए हानिकारक होती है, जिससे जल स्रोतों, मिट्टी और वनस्पति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इन अम्लों के वायुमंडल में उच्च स्तर की उपस्थिति इस समस्या को बढ़ाती है।
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