Agriculture GK MCQ Question In Hindi
Agriculture GK न सिर्फ किसानों बल्कि सभी के लिए महत्वपूर्ण है। यह हमें खाद्य उत्पादन, कृषि तकनीकों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बारे में गहराई से समझने में मदद करता है। यदि आप Entrance या Competitive Exam जैसे UPSC CSE, IIT-JEE, NEET, NDA, CAT राज्य सेवा परीक्षाओं या कृषि से जुड़े किसी भी एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं तो Agriculture GK आपके लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। इस वेबसाइट पर आपको कृषि जीके से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न, सामान्य ज्ञान और करंट अफेयर्स मिलेंगे जो आपको परीक्षाओं में सफलता दिलाने में मदद करेंगे।

‘गुलकन्द’ एक मिश्रण है ?
गुलकन्द एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है जो मुख्य रूप से गुलाब की पंखुड़ियों और चीनी के मिश्रण से बनाई जाती है। यह एक सर्दी में गर्मी के प्रभाव को कम करने वाला और पाचन में सहायक होता है। इसके सेवन से शरीर को ठंडक मिलती है और यह कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसका उपयोग अक्सर शरबत, मिठाइयों और विभिन्न रेसिपीज़ में किया जाता है।
निम्न में से कौन सा तापक्रम फलों को पास्टुराइजेशन के लिए अधिक उपयुक्त है ?
फलों के पास्टुराइजेशन के लिए 75-85°C का तापमान आदर्श माना जाता है। इस तापमान पर फल के पोषक तत्वों को सुरक्षित रखते हुए हानिकारक बैक्टीरिया और कीटाणुओं को नष्ट किया जा सकता है। यह प्रक्रिया फल के स्वाद और गुणवत्ता को भी बनाए रखती है, जिससे वे लंबे समय तक ताजे रहते हैं।
पौधा नत्रजन जिस रूप में लेता है, वह है ?
पौधे नत्रजन को मुख्य रूप से नाइट्रेट (NO3^-) के रूप में ग्रहण करते हैं। यह पोषक तत्व पौधों के लिए आवश्यक होता है क्योंकि यह प्रोटीन और अन्य महत्वपूर्ण यौगिकों के निर्माण में सहायता करता है। नाइट्रेट का रूप पौधों में आसानी से अवशोषित हो जाता है और इसके माध्यम से पौधे अपने विकास के लिए आवश्यक ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
यदि किसान के पास गेहूँ की फसल को सिंचाई करने के लिये एक सिंचाई उपलब्ध हो तो कौन सी अवस्था में करनी चाहिए ?
गेहूँ की फसल में दाने भरने के समय सिंचाई करना बहुत महत्वपूर्ण है। इस अवस्था में पौधों को अधिक जल की आवश्यकता होती है ताकि दाने का विकास सही ढंग से हो सके। उचित सिंचाई से फसल की पैदावार में सुधार होता है और फसल की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
कली लगाने की मुख्य प्रचलित विधि है ?
कली लगाने की ग्राफ्टिंग विधि एक प्रमुख तकनीक है जिसका उपयोग पौधों की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में एक स्वस्थ कली को एक अन्य पौधे पर लगाया जाता है। इससे पौधे की विशेषताएँ, जैसे कि फल का प्रकार और उत्पादन क्षमता, बेहतर हो जाती हैं।
किस के उपयोग से टमाटर के कैच अपको परिरक्षित किया जाता है ?
टमाटर के कैच अप को सिरका के उपयोग से परिरक्षित किया जाता है। सिरका में एसिडिक गुण होते हैं जो बैक्टीरिया और कीटाणुओं के विकास को रोकते हैं। यह न केवल कैच अप को लंबे समय तक ताजा रखता है, बल्कि इसके स्वाद को भी बढ़ाता है।
गन्ने का पुष्पक्रम (Inflorescence) कहलाता है ?
गन्ने का पुष्पक्रम बूट कहलाता है। यह गन्ने के पौधे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहां फूल और फल विकसित होते हैं। बूट गन्ने के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का संग्रह करता है और इसे अधिक उत्पादन में मदद करता है।
धान की ‘खैरा’ बीमारी भूमि में कमी के कारण होता है?
धान की खेती में ज़िंक की कमी एक गंभीर समस्या है, जो खैरा रोग का कारण बनती है। यह रोग मुख्य रूप से तब होता है जब मिट्टी में ज़िंक का स्तर कम होता है, जिससे पौधों की वृद्धि प्रभावित होती है और उपज में गिरावट आती है। किसान अक्सर इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए ज़िंक सल्फेट का उपयोग करते हैं।
अधिशेष विपणन (Marketable Surplus) है ?
अधिशेष विपणन का अर्थ है वह मात्रा जो कृषक अपने उत्पादन से बेचने के लिए उपलब्ध कराते हैं। यह वह हिस्सा है जो उनके द्वारा अपने उपभोग के बाद बचता है। यह कृषकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद करता है और उन्हें बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाता है।
ओलेरीकल्चर (Olericulture) में अध्ययन किया जाता है ?
ओलेरीकल्चर का अध्ययन सब्जियों की खेती से संबंधित है। यह कृषि विज्ञान की एक शाखा है जो सब्जियों की उत्पादन विधियों, उनकी देखभाल, और प्रबंधन से संबंधित है। यह पौधों की वृद्धि, पोषण और संरक्षण के तरीकों को समझने में मदद करता है।

फेलेरिस माइनर किस कुल से सम्बन्धित है ?
फेलेरिस माइनर घास के परिवार ग्रेमिनी से संबंधित है। यह एक प्रकार की खरपतवार है जो कृषि फसलों के लिए हानिकारक हो सकती है। इसकी पहचान और नियंत्रण कृषि में महत्वपूर्ण है, ताकि फसलों की पैदावार को बढ़ाया जा सके।
भारत में धान की नर्सरी तैयार करने की डेपोग विधि किस देश से प्रचलन में लाई गई ?
भारत में धान की खेती के लिए विभिन्न नर्सरी प्रबंधन तकनीकों का उपयोग किया जाता है। इनमें से एक प्रमुख तकनीक डेपोग विधि है, जिसे फिलीपींस से अपनाया गया। यह विधि किसान को पौधों को बेहतर तरीके से उगाने में मदद करती है और धान की पैदावार को बढ़ाती है। भारत में खेती के क्षेत्र में यह तकनीक तेजी से लोकप्रिय हो रही है।
बैंकों द्वारा किसानों को दिया जाने वाला अल्पकालीन ऋण किस अन्य नाम से भी जाना जाता है ?
बैंकों द्वारा किसानों को दिया जाने वाला अल्पकालीन ऋण फसल ऋण के नाम से जाना जाता है। यह ऋण किसानों को उनकी फसलों की उत्पादन लागत को कवर करने के लिए आवश्यक धन प्रदान करता है। यह ऋण आमतौर पर फसल की बुवाई से पहले या बाद में दिया जाता है।
क्षारीय (Alkali) मृदाओं को सुधारने हेतु मुख्यतः प्रयुक्त किया जाने वाले मृदा सुधारक है ?
जिप्सम क्षारीय मृदाओं को सुधारने के लिए मुख्य रूप से प्रयुक्त किया जाने वाला मृदा सुधारक है। यह मिट्टी की संरचना को सुधारता है और पौधों द्वारा पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद करता है। जिप्सम का उपयोग मिट्टी की क्षारीयता को कम करने के लिए किया जाता है।
गाय का शुष्क काल कम से कम कितना होना चाहिये ?
गाय का शुष्क काल कम से कम 60 दिन होना चाहिए। यह अवधि गाय के लिए आवश्यक है ताकि वह अपनी अगली बकरी के लिए तैयार हो सके। इस समय में गाय को आराम मिलता है और उसकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार होता है, जिससे दूध उत्पादन में वृद्धि होती है।
खाद्य तिलहनों में किस खरपतवार के बीज की मिलावट की जाती है ?
खाद्य तिलहनों में चिउँट के बीज की मिलावट की जाती है। यह एक प्रकार की खरपतवार है जो अन्य फसलों के साथ उग सकती है। इसकी मिलावट से फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन प्रभावित हो सकता है, इसलिए इसे नियंत्रित करना आवश्यक है।
आलू का खाए जाने वाला भाग है ?
आलू का खाए जाने वाला भाग कंद है। कंद पौधे के नीचे विकसित होते हैं और यह ऊर्जा का भंडार होते हैं। आलू का कंद विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर होता है और यह कई प्रकार की रेसिपीज़ में उपयोग किया जाता है।
कोरिलेशन कोफिशिएन्ट (Correlation Coefficient) ज्ञात करता है ?
कोरिलेशन कोफिशिएन्ट दो चर के बीच संबंध की ताकत और दिशा को ज्ञात करता है। यह सांख्यिकी में एक महत्वपूर्ण माप है जो यह बताता है कि एक चर में परिवर्तन के साथ दूसरे चर में कितना परिवर्तन होता है। यह मूल्य -1 से 1 के बीच होता है, जहाँ 1 पूर्ण सकारात्मक संबंध, -1 पूर्ण नकारात्मक संबंध और 0 कोई संबंध नहीं दर्शाता है।
कृषि उत्पादों के लिये ‘द कार्टीजना क्योटो प्रोटोकॉल’ किस वर्ष में आया ?
कृषि उत्पादों के लिए ‘द कार्टीजना क्योटो प्रोटोकॉल’ 1997 में आया। यह एक अंतरराष्ट्रीय संधि है जो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई के लिए देशों को प्रेरित करती है। इसके अंतर्गत ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के उपायों पर जोर दिया गया है, जिससे कृषि उत्पादों की स्थिरता को बढ़ाया जा सके।
‘एलियन वीड’ कौनसा है ?
‘एलियन वीड’ आमतौर पर जंगली तिल के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक प्रकार की खरपतवार है जो कृषि फसलों में दुर्बलता पैदा कर सकती है। इसकी पहचान और प्रबंधन से किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा करने में मदद मिलती है।
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