Environment & Ecology Current Affairs 30 July 2025
यहाँ मिलेगा pollution, climate change, जंगल, जानवरों और nature से जुड़ी हर बड़ी खबर जो 30 जुलाई को आई।
Environment वाला section हर exam में जरूरी होता है, और वैसे भी planet का ख्याल रखना हमारा काम है। ये टॉपिक उसी से जुड़ा है।
NISAR सैटेलाइट लॉन्च – NASA और ISRO की joint मेहनत का धमाकेदार result
30 जुलाई 2025 को एक जबरदस्त चीज़ हुई — India और NASA ने मिलकर NISAR नाम का एक नया satellite space में भेजा। ये कोई आम satellite नहीं है, बल्कि ऐसा powerful gadget है जो धरती के हर छोटे-बड़े environmental change पर नज़र रखेगा — वो भी centimeter level तक!
मतलब अगर कहीं ज़मीन खिसक रही हो, glacier थोड़ा भी सरक जाए या जंगलों में कुछ गड़बड़ हो, तो ये satellite तुरंत पकड़ लेगा। इसका मकसद सीधा है — climate threats को वक्त रहते पकड़ना और समझना। और हां, ये सारा काम करेगा चाहे दिन हो या रात, बारिश हो या धूप। एकदम all-weather दोस्त है ये।
चलो जल्दी से इसकी खास बातें देख लेते हैं:
India-NASA का जोड़ीदार प्रोजेक्ट
- ISRO ने अपनी S-band और NASA ने L-band radar tech मिलाई, और NISAR को सतीश धवन स्पेस सेंटर से launch कर दिया। Teamwork on point!
Climate monitoring का champion
- ये satellite इतना sensitive है कि एक cm की हलचल भी पकड़ सकता है। मतलब landslides, glacier shift, sab pakad lega!
Day-night, rain-sun – कोई फर्क नहीं
- Weather चाहे जैसा हो, ये nonstop काम करेगा। फसल, जंगल, पानी – सब पर नज़र रखेगा।
₹1.5 Billion ka Project!
- हां भाई, सस्ता नहीं है। लेकिन इतना kaam का है कि हर रुपया वसूल है।
UPSC वालों का favourite topic
- अगर आप Civil Services, SSC, या कोई भी exam की तैयारी कर रहे हो, तो ये खबर याद रखो। सीधा prelims में घुसने लायक material है।
कुछ expected MCQs भी देख लो:
NISAR में कौन-कौन सी radar tech use हुई है?
- a) सिर्फ L-band
- b) सिर्फ S-band
- c) L-band + S-band ✅
- d) Optical sensor
NISAR का main काम क्या है?
- a) Mars की study करना
- b) Earth पे climate changes detect करना ✅
- c) TV signals भेजना
- d) Missile detect करना
इसे launch किस rocket से किया गया?
- a) PSLV
- b) LVM3
- c) GSLV-F16 ✅
- d) Falcon
Polluted जमीनों के लिए अब नया Rule – सरकार ने कर दी बड़ी पहल
ये दूसरी खबर भी उतनी ही मज़ेदार है। 30 July 2025 को govt ने एक नए rule को official कर दिया – नाम है “Environment Protection Rules for Contaminated Sites, 2025”.
सोचो, जहां-जहां chemical spills, factory waste या toxic elements से ज़मीन गंदी हो गई है — वहां ये rule काम करेगा। पहले तो बस पता चल जाता था कि ज़मीन गंदी है, लेकिन अब साफ-सफाई कैसे होनी है, कब होनी है, किसे करनी है – सब कुछ rulebook में है।
खास बातें – आम भाषा में:
नया Rule, साफ-सुथरी approach
- अब govt ने decide किया कि जो जमीनें chemical से गंदी हैं, उन्हें scientific तरीके से clean किया जाएगा — बिना टाइम वेस्ट किए।
Local bodies की जिम्मेदारी तय
- अब पंचायत, नगर निगम सबको site identify करनी है, और 6 महीने में report देनी है — कोई टालमटोल नहीं।
Remediation with deadlines
- साफ-सफाई का काम भी एकदम time-bound होगा। मतलब कोई बहाना नहीं चलेगा — काम करना पड़ेगा!
India में 103 sites पहले से गंदी हैं!
- और सोचो, अब तक सिर्फ 7 को ही ठीक किया गया है। नया rule अब बाकी जगहों पर काम तेज़ करेगा।
UPSC के लिए jackpot
- Regulation, environment, polluted land — सब कुछ syllabus के अंदर है। तो याद कर लो।
इससे जुड़े potential सवाल:
नया rule किस Act के अंदर आता है?
- a) Water Act
- b) Forest Act
- c) Environment Protection Act ✅
- d) Wildlife Act
Local bodies कितने समय में report देंगी?
- a) 1 साल
- b) 3 महीने
- c) 6 महीने ✅
- d) कोई समय नहीं
अब तक कितनी polluted sites clean हुई हैं?
- a) 103
- b) 50
- c) 25
- d) सिर्फ 7 ✅
Coal Plants को मिली SO₂ emission rule से छुट – हवा साफ होगी या और खराब?
Basically, सरकार ने 30 जुलाई को बोला कि जितने भी थर्मल पावर प्लांट्स (coal वाले) हैं, उनमें से ज़्यादातर को sulphur dioxide (SO₂) वाली machine लगाने की जरूरत नहीं है।
समझने वाली बात ये है कि ये FGD machines हवा में से sulphur वाले toxic fumes को कम करती हैं। तो अगर ये ना लगे, तो pollution बढ़ सकता है। सरकार का logic है कि जो plants city से दूर हैं, उन्हें इससे छूट मिलनी चाहिए।
अब देखते हैं इसकी 5 खास बातें:
FGD लगाने की ज़रूरत नहीं?
- जी हां! 78-79% प्लांट्स को FGD यानी Flue Gas Desulphurization लगाने से छूट मिल गई है।
सिर्फ 10% प्लांट्स पर ज़िम्मेदारी
- वो भी सिर्फ वो जो शहरों के पास हैं — बाकियों को कहा गया, “No tension abhi mat lagao!”
Jharkhand में खतरा ज्यादा
- CREA की report के हिसाब से वहां के कई प्लांट्स बिना FGD के हैं — यानी हवा aur toxic बन सकती है।
2015 में rule बना था, अब weak कर दिया गया
- पहले ये rule काफी strict था — सबको FGD लगानी थी। अब बोल रहे हैं – “चलो छोड़ो, बाकी बाद में देखेंगे।”
Exam में दिख सकता है ये topic
- Pollution, energy, environmental law — sab UPSC GS3 में directly आता है। याद रखो इस बार।
चलो 3 सवाल इस पर भी हो जाएं:
कितने % पावर प्लांट्स को FGD से छूट मिली है?
- a) 10%
- b) 25%
- c) 50%
- d) 78-79% ✅
किन plant को FGD लगाना ज़रूरी है?
- a) सभी
- b) सिर्फ city के पास वाले ✅
- c) सिर्फ private plants
- d) कोई नहीं
CREA ने चिंता किस बात को लेकर जताई?
- a) बिजली की कीमत
- b) sulfur और PM 2.5 pollution ✅
- c) पानी की कमी
- d) coal की import जरूरत