Political GK MCQ Question In Hindi
Political GK केवल एक विषय नहीं है, बल्कि यह समाज और देश को समझने की कुंजी है। यह हमें अपने आसपास घटित राजनीतिक घटनाओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है। इसके अलावा, यह विभिन्न Entrance या Competitive Exam जैसे UPSC CSE, IIT-JEE, NEET, NDA, CAT और अन्य राज्यस्तरीय परीक्षा आदि में अत्यंत महत्वपूर्ण है। Political GK के ज्ञान से आप वर्तमान मामलों पर बेहतर चर्चा कर सकते हैं, विश्लेषणात्मक क्षमता विकसित कर सकते हैं और समाज में एक सक्रिय नागरिक बन सकते हैं। यह आपको न केवल परीक्षाओं में बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफल होने में मदद करेगा।

निम्नलिखित राज्यों में से किस एकमात्र राज्य का अपना संविधान है?
जम्मू-कश्मीर का अपना संविधान था, जो राज्य की विशेष स्थिति को दर्शाता है। यह संविधान 17 नवंबर 1956 को लागू हुआ और इसमें राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था, नागरिकों के अधिकार और कर्तव्यों का विस्तृत विवरण दिया गया था। अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्तता प्राप्त थी, जिससे राज्य को अपनी विधायी शक्तियों का उपयोग करने की अनुमति मिली। हालांकि, अनुच्छेद 370 को 2019 में समाप्त कर दिया गया, लेकिन राज्य का संविधान अभी भी ऐतिहासिक महत्व रखता है और भारतीय संघ की राजनीति में एक विशेष स्थान रखता है।
किसी संसद सदस्य की अयोग्यता के सन्दर्भ में निर्णय कौन करता है?
भारत में, जब किसी संसद सदस्य की अयोग्यता का मामला उठता है, तो इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है। राष्ट्रपति इस मामले में निर्णय लेते हैं, परंतु यह निर्णय निर्वाचन आयोग की सलाह पर आधारित होता है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि संसद के सदस्यों की अयोग्यता से संबंधित विवाद निष्पक्ष रूप से हल किए जाएं।
कौन व्यक्ति अनुसूचित जाती या जनजाति का सदस्य है, इसका निर्धारण करने का अधिकार किसको है?
भारत में अनुसूचित जातियों और जनजातियों का वर्गीकरण एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसमें यह निर्धारित किया जाता है कि कौन से व्यक्ति इन श्रेणियों में आते हैं। यह प्रक्रिया सामाजिक न्याय और समानता के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे संबंधित व्यक्तियों को विशेष अधिकार और आरक्षण मिलते हैं। केंद्र सरकार इस वर्गीकरण का अधिकार रखती है, जबकि राज्य सरकारें इस जानकारी का उपयोग अपने स्तर पर कर सकती हैं।
निम्नलिखित में से भारत में पहला नगर निगम कहाँ स्थापित हुआ था?
चेन्नई नगर निगम की स्थापना 1688 में हुई थी, जो भारत की सबसे पुरानी निगम संस्था है। यह नगर निगम शहर के विकास और प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके बाद कई अन्य नगर निगमों की स्थापना हुई, जैसे कि कलकत्ता नगर निगम 1876 में और दिल्ली नगर निगम 1958 में।
संसदीय शासन प्रणाली सर्वप्रथम किस देश में विकसित हुई?
संसदीय शासन प्रणाली सर्वप्रथम इंग्लैंड में विकसित हुई। यह प्रणाली राजा और संसद के बीच शक्ति के संतुलन पर आधारित है, जिसमें संसद का प्रमुख कार्य कानून बनाना और कार्यपालिका की गतिविधियों पर निगरानी रखना है। इंग्लैंड में यह प्रणाली धीरे-धीरे विकसित हुई, और यह आधुनिक लोकतांत्रिक देशों के लिए एक मॉडल बन गई। संसदीय प्रणाली में प्रधानमंत्री को संसद के सदस्यों द्वारा चुना जाता है, जो उसे स्थायी रूप से उत्तरदायी बनाता है। इस प्रणाली ने अन्य देशों में भी संसदीय लोकतंत्र के विकास को प्रेरित किया।
राज्यसभा में किस राज्य के प्रतिनिधियों की संख्या सर्वाधिक है?
राज्यसभा में उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधियों की संख्या सर्वाधिक है। उत्तर प्रदेश को 31 सदस्य राज्यसभा में भेजने का अधिकार प्राप्त है, जो इसे सबसे अधिक प्रतिनिधित्व प्रदान करता है। यह संख्या राज्य की जनसंख्या और राजनीतिक महत्व को दर्शाती है। राज्यसभा एक उच्च सदन है, जिसमें सदस्यों का चुनाव राज्य विधानसभाओं और राष्ट्रपति द्वारा नामांकित किया जाता है। उत्तर प्रदेश का उच्च प्रतिनिधित्व न केवल राज्य के राजनीतिक प्रभाव को दर्शाता है, बल्कि भारतीय राजनीति में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी दर्शाता है।
भारतीय संविधान का कौन-सा अनुच्छेद प्रेस को स्वतंत्रता को आश्वासित करता है?
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19(1)(a) प्रेस को स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है। यह अनुच्छेद न केवल बोलने की स्वतंत्रता की गारंटी देता है, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता को भी सुनिश्चित करता है। प्रेस को स्वतंत्रता मिलने से वह खुलकर सूचना का आदान-प्रदान कर सकता है और समाज के प्रति जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकता है। यह स्वतंत्रता लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह नागरिकों को सूचित निर्णय लेने में सहायता करती है और सरकार के कार्यों की पारदर्शिता सुनिश्चित करती है। प्रेस की स्वतंत्रता के बिना, लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना कठिन हो सकता है।
भारत का संविधान भारत को कैसे वर्णित करता है?
भारत का संविधान भारत को एक संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष और सामाजिक लोकतंत्र के रूप में वर्णित करता है। यह संविधान भारतीय नागरिकों को उनके मूल अधिकारों और कर्तव्यों की सुरक्षा करता है और सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता और न्याय मिले। संप्रभुता का अर्थ है कि भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र है, जो अपने भीतर के मामलों में किसी अन्य देश के हस्तक्षेप के बिना निर्णय ले सकता है। धर्मनिरपेक्षता का तात्पर्य है कि राज्य किसी विशेष धर्म के प्रति पक्षपाती नहीं होगा, बल्कि सभी धर्मों का सम्मान करेगा। सामाजिक लोकतंत्र का अर्थ है कि समाज के सभी वर्गों को समान अवसर और अधिकार मिलेंगे, जिससे सामाजिक न्याय सुनिश्चित हो सके।
निम्नलिखित में से कौन संसद के संयुक्त सत्र को अध्यक्षता करने हेतु अधिकृत है?
संसद के संयुक्त सत्र की अध्यक्षता करने के लिए राष्ट्रपति अधिकृत होते हैं। जब दोनों सदनों, अर्थात् लोकसभा और राज्यसभा, को एक साथ बुलाया जाता है, तो राष्ट्रपति इस सत्र की अध्यक्षता करते हैं। यह प्रक्रिया विशेष परिस्थितियों में होती है, जैसे कि जब कोई महत्वपूर्ण विधेयक या मुद्दा दोनों सदनों के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। राष्ट्रपति की भूमिका इस प्रकार है कि वे सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करें और सभी सदस्यों को अपने विचार प्रस्तुत करने का अवसर दें। यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करती है।
संसद की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता कौन करता है?
भारतीय संसद में, संयुक्त सत्र तब होता है जब दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा, की बैठक एक साथ होती है। इसे राष्ट्रपति द्वारा बुलाया जाता है, लेकिन इसकी अध्यक्षता लोकसभा के अध्यक्ष द्वारा की जाती है। यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, क्योंकि यह सांसदों को एक साथ मिलकर महत्वपूर्ण विधायी मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर देती है।

राज्य में आपातकाल के समय राज्य का शासन किसके हाथ में रहता है?
राज्य में आपातकाल के समय राज्य का शासन राज्यपाल के हाथ में रहता है। संविधान के अनुच्छेद 356 के अंतर्गत, यदि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति गंभीर हो जाती है या संवैधानिक व्यवस्था बाधित होती है, तो राष्ट्रपति राज्यपाल के माध्यम से शासन का संचालन करते हैं। राज्यपाल राज्य की कार्यकारी शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं और आपातकाल के दौरान विधानसभा को निलंबित करने और नए आदेश जारी करने के लिए अधिकृत होते हैं। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि राज्य में स्थिरता और शासन बनाए रखा जा सके, जबकि आपातकाल के समय नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रताओं की रक्षा की जा सके।
संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति कौन करता है?
संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। संघ लोक सेवा आयोग का गठन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 के तहत किया गया है, जिसका उद्देश्य संघ सरकार के लिए सक्षम और योग्य व्यक्तियों की भर्ती करना है। राष्ट्रपति आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति करते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आयोग स्वतंत्र रूप से कार्य कर सके। यह प्रक्रिया आयोग की स्वायत्तता और निष्पक्षता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण होती है, ताकि सरकारी सेवाओं में भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष बनी रहे।
किस राजनीतिक दल का चुनाव चिन्ह 1952 के आम चुनाव से अब तक अपरिवर्तित रहा है?
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) 20वीं सदी में भारत में कम्युनिस्ट आंदोलन के भीतर एक महत्वपूर्ण संगठन है। 1952 के प्रथम आम चुनाव में पार्टी ने एक निश्चित चुनाव चिन्ह चुना, जो आज तक अपरिवर्तित है। इस पार्टी की विचारधारा और कार्यशैली भारतीय राजनीति में विशेष स्थान रखती है।
अस्थायी लोकसभाध्यक्ष को कौन नियुक्त करता है?
अस्थायी लोकसभाध्यक्ष को राष्ट्रपति नियुक्त करते हैं। जब लोकसभा के अध्यक्ष की अनुपस्थिति में या उनके पद रिक्त होने पर, राष्ट्रपति अस्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति करते हैं। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि सदन की कार्यवाही बिना किसी रुकावट के चलती रहे। अस्थायी अध्यक्ष की जिम्मेदारी होती है कि वे सदन में कार्यवाही का संचालन करें और सभी सदस्यों को अपने विचार प्रस्तुत करने का अवसर दें। इस प्रकार, राष्ट्रपति की भूमिका इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण होती है, जिससे लोकतंत्र का संचालन सुचारू बना रहे।
निम्नलिखित में कौन-सी भाषा संविधान की 8वीं अनुसूची में नहीं है?
संविधान की 8वीं अनुसूची में इंग्लिश भाषा का उल्लेख नहीं है। 8वीं अनुसूची में 22 भाषाओं को शामिल किया गया है, जो भारत की भाषाई विविधता को दर्शाती हैं। ये भाषाएँ भारतीय नागरिकों के लिए आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त हैं, लेकिन अंग्रेजी का कोई विशेष स्थान नहीं है क्योंकि इसे भारत की एक आधिकारिक भाषा के रूप में माना जाता है, लेकिन इसे अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है। यह अनुसूची उन भाषाओं की सुरक्षा और संवर्धन के लिए महत्वपूर्ण है, जो भारतीय संस्कृति और परंपरा का हिस्सा हैं।
भारतीय जनता पार्टी का चिन्ह क्या है?
भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिन्ह कमल है। यह चिन्ह पार्टी के मूल्यों और आदर्शों का प्रतीक है। कमल का फूल भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जो स्वच्छता, विकास और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। भारतीय जनता पार्टी ने 1980 में अपने गठन के बाद से इस चिन्ह का उपयोग करना शुरू किया और यह पार्टी की पहचान बन गया है। यह चिन्ह पार्टी के चुनावी प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसके समर्थकों में पहचान का एक मजबूत बिंदु है।
निम्नलिखित में कौन लोकसभा के अध्यक्ष कभी नहीं रहे?
भारतीय संसद की लोकसभा में अध्यक्ष का पद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह सदन की कार्यवाही को संचालित करता है। सोमनाथ चटर्जी, मीरा कुमार, और सुमित्रा महाजन जैसे व्यक्ति इस पद पर रह चुके हैं, जबकि के. बी. के. सुंदरम् ने यह भूमिका नहीं निभाई।
भारतीय संविधान में किस अनुच्छेद के अन्तर्गत नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान किए गए हैं?
भारतीय संविधान में अनुच्छेद 12 से 35 के अंतर्गत नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान किए गए हैं। ये अधिकार नागरिकों की स्वतंत्रता, समानता और न्याय की सुरक्षा करते हैं। मौलिक अधिकारों में बोलने की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता, समानता का अधिकार, और सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार शामिल हैं। ये अधिकार एक लोकतांत्रिक समाज का आधार हैं और नागरिकों को अपने अधिकारों की रक्षा करने का अवसर देते हैं। संविधान का यह भाग यह सुनिश्चित करता है कि सरकार द्वारा नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन न हो और यह एक लाभदायक और स्वतंत्र समाज का निर्माण करता है।
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति संविधान के किस अनुच्छेद के तहत की जाती है?
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है। यह अनुच्छेद नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के पद की स्थापना और उनके कार्यों के लिए आवश्यक प्रावधान करता है। यह पद भारत की लेखा और वित्तीय प्रणाली की निगरानी और जांच करने के लिए महत्वपूर्ण है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का कार्य सरकार के सभी वित्तीय लेन-देन की जांच करना और संसद को उनकी रिपोर्ट प्रस्तुत करना है। यह स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है कि सरकारी धन का सही उपयोग हो रहा है और पारदर्शिता बनी रहे।
संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?
संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। यह प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 315 के तहत निर्धारित की गई है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कार्य कर सके। राष्ट्रपति आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति करते हैं, और यह प्रक्रिया आयोग की स्वायत्तता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण होती है। आयोग का मुख्य कार्य संघ सरकार के लिए योग्य व्यक्तियों की भर्ती करना है, और इसकी निष्पक्षता और स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए यह प्रक्रिया आवश्यक है।
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