Hindi Grammar MCQ Question In Hindi
Hindi Grammar का ज्ञान न केवल आपकी भाषा को शुद्ध और प्रभावशाली बनाता है, बल्कि यह विभिन्न Entrance या Competitive Exam में भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। चाहे आप UPSC CSE, IIT-JEE, NEET, NDA, CAT या अन्य किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हों, हिंदी व्याकरण आपके लिए एक अनिवार्य विषय है। व्याकरण के नियमों को समझने से आप सही शब्दों का चयन करना, वाक्य संरचना को बेहतर बनाना और अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करना सीखेंगे। इसके अलावा, व्याकरण का ज्ञान आपके लेखन कौशल को निखारने में भी मदद करता है, जिससे आप विभिन्न प्रकार के लेखन कार्यों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

निराशा का सही संधि-विच्छेद है ?
“निराशा” एक ऐसी भावना है जो व्यक्ति के मन में निराशा और उदासी का अनुभव कराती है। इसका संधि-विच्छेद “निर-आशा” है, जहाँ ‘निर’ का अर्थ है ‘बिना’ और ‘आशा’ का अर्थ है ‘उम्मीद’। इस प्रकार, निराशा का अर्थ है ‘उम्मीद का न होना’।
शांतिदूत में कौन सा समास है?
“शांतिदूत” शब्द में ‘शांति’ और ‘दूत’ का मिलन है। यह एक कर्मधारय समास है, जहाँ पहले भाग का विशेषण के रूप में कार्य होता है। यहाँ ‘शांति’ दूत का विशेषण है, जो यह दर्शाता है कि दूत शांति का संदेश लाता है।
‘शांति’ शब्द का समानार्थी नहीं है?
‘शांति’ का अर्थ है शांति और स्थिरता, जबकि ‘अशांति’ का अर्थ है अशांति या व्यवधान। इसलिए, ‘अशांति’ ‘शांति’ का समानार्थी नहीं है। इस प्रकार, शांति से जुड़ी भावनाओं और स्थितियों में अशांति का कोई स्थान नहीं होता।
मनहरण छंद किस छंद का उपभेद है?
मनहरण छंद दरअसल स्रग्धरा का उपभेद है। यह एक विशेष प्रकार का छंद है, जो अपनी लय और धुन के लिए जाना जाता है। इसे काव्य में विशेष रूप से प्रेम और सौंदर्य के भाव व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
इनमें से कौन सी जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाया गया है?
‘बच्चा’ एक जातिवाचक संज्ञा है, जबकि ‘बच्चापन’ एक भाववाचक संज्ञा है। जातिवाचक संज्ञाएँ किसी विशेष जाति या समूह का वर्णन करती हैं, जबकि भाववाचक संज्ञाएँ किसी विशेष भावना या गुण का संदर्भ देती हैं।
निपात कितने प्रकार के होते हैं?
निपात तीन प्रकार के होते हैं: (1) अव्यय निपात, (2) विशेष निपात, और (3) अव्ययीभाव निपात। ये निपात वाक्य में विशेष अर्थ और भावनाएँ जोड़ने में मदद करते हैं, जो भाषा की सुंदरता और अर्थ को बढ़ाते हैं।
शब्द का शुद्ध रूप है?
‘शब्द’ एक संस्कृत का मूल शब्द है, जिसका अर्थ है ‘ध्वनि’ या ‘उच्चारण’। यह सही और शुद्ध रूप है, और इसे किसी भी अन्य रूप में परिवर्तित नहीं किया जा सकता। शब्दों का सही उच्चारण और प्रयोग भाषा की बुनियाद है।
हिन्दी में ‘कृत’ प्रत्ययों की संख्या कितनी है?
वे प्रत्यय जो धातु के अंत में जोड़े जाते हैं। कृत् प्रत्यय कहलाते हैं। हिन्दी में कृत् प्रत्ययों की संख्या अठ्ठाईस है, ये निम्न प्रकार है – अक, इन, अना, आई, इत, इत्र, ई, उक, ति, दान, नाक एवं बाज आदि।
अठकोना में समास है?
‘अठकोना’ शब्द में ‘अठ’ और ‘कोना’ का मिलन है, जो एक कर्मधारय समास है। यह दर्शाता है कि यह शब्द एक विशेष गुण या संख्या (आठ) को दर्शाता है, जो कोने (कोना) के संदर्भ में है।
‘अनुवाद’ में प्रयुक्त उपसर्ग है?
‘अनुवाद’ शब्द में ‘अनु’ उपसर्ग का प्रयोग किया गया है। ‘अनु’ का अर्थ है ‘पश्चात’ या ‘अनुसरण करना’। यह शब्द किसी भाषा के शब्द या वाक्य का अनुवाद करने की प्रक्रिया को दर्शाता है।

उत्क्षिप्त व्यंजन है?
उत्क्षिप्त व्यंजन वे व्यंजन होते हैं जिनके उच्चारण में जीभ को अचानक से ऊपर से नीचे की ओर झटके से फेंका जाता है। इनका उच्चारण थोड़ा सा स्पर्श और थोड़ा सा द्रव दोनों जैसा लगता है। हिंदी में मुख्यतः दो उत्क्षिप्त व्यंजन होते हैं – ड़ और ढ़।
किस शब्द में उपसर्ग का प्रयोग हुआ है?
‘अनलिखना’ शब्द में ‘अन’ उपसर्ग का प्रयोग हुआ है। यह उपसर्ग ‘लिखना’ क्रिया के अर्थ को नकारने का कार्य करता है। उपसर्ग का प्रयोग शब्द को नया अर्थ देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
समुद्र मंथन करना का अर्थ है?
‘समुद्र मंथन करना’ एक रूपक है जिसका अर्थ है कठिन परिश्रम करना। यह कहानी में एक प्रतीक के रूप में प्रयोग होता है, जहाँ समुद्र मंथन से अमृत की प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम की आवश्यकता होती है।
वर्तमान हिन्दी का प्रचलित रूप है?
वर्तमान हिन्दी का प्रचलित रूप ‘खड़ी बोली’ है। यह हिन्दी का वह रूप है जो शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक रूप से बोली जाती है। यह हिन्दी की मानक भाषा होती जा रही है, जो विभिन्न क्षेत्रों में संचार का माध्यम है।
वीर या आल्हा किस जाति का छंद है?
‘वीर’ या ‘आल्हा’ छंद वीरता की भावना को दर्शाते हैं। यह छंद विशेष रूप से युद्ध और वीरता की गाथाओं में प्रयोग होता है, जो शौर्य और बलिदान की कहानियों को जीवंत करता है।
उत्पत्ति की दृष्टि से शब्दों के कितनें भेद हैं?
उत्पत्ति की दृष्टि से शब्दों के तीन भेद होते हैं: (1) मूल शब्द, (2) व्युत्पन्न शब्द, और (3) समवेत शब्द। ये भेद शब्दों की विविधता और उनके अर्थ की गहराई को समझने में मदद करते हैं।
‘महात्मा’ में कौन सा समास है?
हिंदी व्याकरण में समास (समास) शब्दों के यौगिक निर्माण को कहते हैं। ‘महात्मा’ कर्मधारय समास का उदाहरण है, जहाँ पहला भाग (‘महान’) दूसरे भाग (‘आत्मा’) के लिए विशेषण का काम करता है। हिंदी भाषा में यौगिक शब्दों की बारीकियों को समझने के लिए इस अवधारणा को समझना ज़रूरी है।
फ्रेंच भाषा का शब्द है?
‘बुफे’ फ्रेंच भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है ‘स्वयं सेवा’। यह शब्द आमतौर पर भोजन के संदर्भ में प्रयोग होता है, जहाँ लोग अपनी इच्छा अनुसार भोजन लेते हैं। यह शब्द विभिन्न संस्कृतियों में भोजन के विशेष अनुभव को दर्शाता है।
अघोष वर्ण कौन-सा है?
‘अघोष वर्ण’ वह वर्ण होते हैं जिन्हें उच्चारण के समय स्वर के बिना बोला जाता है। ‘क’ एक अघोष वर्ण है, जो ध्वनि के साथ नहीं आता है। ये वर्ण भाषा की ध्वनि प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
रण का विलोम है?
रण शब्द का विलोम शब्द अहिंसा होता है.जो शब्द किसी दूसरे शब्द के विपरीत अर्थ देते हैं, उन्हें विलोम शब्द कहते हैं. विलोम शब्द सभी तरह के हो सकते हैं, जैसे कि क्रिया, संज्ञा, विशेषण, क्रियाविशेषण, और पूर्वसर्ग
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