B.Ed Entrance MCQ Question In Hindi
B.Ed entrance exam आपके शिक्षक बनने के सपने को साकार करने का पहला कदम है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि क्यों B.Ed entrance exam देना जरूरी है और यह आपके भविष्य के करियर में किस तरह से मदद कर सकता है। हमने आप के लिए विभिन्न B.Ed entrance exam के पैटर्न, सिलेबस और MCQ तैयार किया हुआ है । जानिए कैसे बीएड एंट्रेंस एग्जाम आपके लिए एक सुनहरा अवसर बन सकता है।

निम्नलिखित में कौन-सा संक्रामक रोग है?
डेंगू एक संक्रामक रोग है जो डेंगू वायरस द्वारा प्रसारित होता है। यह मुख्यतः एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों का दर्द और त्वचा पर दाने शामिल होते हैं। डेंगू के गंभीर रूपों में डेंगू हेमोरेजिक बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम शामिल हैं, जो जीवन के लिए खतरा बन सकते हैं। स्वास्थ्य संगठनों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, डेंगू एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां मच्छरों की संख्या अधिक होती है। इसके इलाज के लिए मुख्यतः लक्षणों का प्रबंधन किया जाता है, क्योंकि वर्तमान में इसका कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार उपलब्ध नहीं है।
शास्त्रीय नृत्य कथकली की उत्पत्ति भारत के किस राज्य में हुई थी?
कथकली भारत के केरल राज्य का एक प्रमुख शास्त्रीय नृत्य है, जो अपनी अनूठी शैली और भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। इसका प्रदर्शन रंग-बिरंगे परिधान, विस्तृत मेकअप और नाटकीय अभिव्यक्तियों के साथ किया जाता है। कथकली का अर्थ “कथा” और “कली” से है, जिसका अर्थ है “कथा का नृत्य”। यह नृत्य महाकाव्य कथाओं और पौराणिक कथाओं को चित्रित करता है, जिसमें गहन भावनाओं और अभिनय का उपयोग किया जाता है। इसे पहले धार्मिक समारोहों में प्रस्तुत किया जाता था और अब यह भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।
निम्न में से अंडे देता है और बच्चे को सीधे नहीं जानता?
कछुए अंडे देने वाले प्राणी हैं, लेकिन उनके अंडे से निकले बच्चे सीधे अपने माता-पिता के साथ नहीं रहते हैं। कछुए अपने अंडों को जमीन में या पानी के किनारे पर रखते हैं और इसके बाद वे अपने-अपने तरीके से स्वतंत्र रूप से जीवन जीते हैं। यह स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिसमें कछुओं के अंडे सुरक्षित स्थान पर रखे जाते हैं, ताकि बच्चे बाहर निकलने के बाद खुद को सुरक्षित रख सकें। कछुए का जीवन चक्र अंडे से लेकर युवा कछुओं तक के चरणों को शामिल करता है।
लसीका किससे पचा हुआ तथा अवशोषित वसा का वहाँ करती है?
लसीका प्रणाली शरीर के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पाचन तंत्र से पचाए गए वसा को रक्त में परिवहन करने का कार्य करती है। जब हम खाना खाते हैं, तो छोटी आंत में वसा का पाचन होता है और अवशोषण के बाद लसीका उसे अपने माध्यम से रक्त में पहुँचाती है। इस प्रक्रिया के दौरान लसीका अतिरिक्त अंतरालीय तरल को भी रक्त में डालती है, जो शरीर के समुचित कार्य के लिए आवश्यक है।
अवैध का अर्थ है?
“अवैध” शब्द का इस्तेमाल अक्सर कानूनी और सामाजिक संदर्भों में उन कार्यों पर चर्चा करने के लिए किया जाता है जो स्थापित कानूनों या विनियमों का उल्लंघन करते हैं। कानून प्रवर्तन, न्याय और नागरिक अधिकारों के बारे में चर्चा के लिए इस शब्द को समझना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वैध व्यवहार को गैरकानूनी आचरण से अलग करने में मदद करता है।
पेस्टल माध्यम का सर्वप्रथम उल्लेख किसने किया?
पेस्टल माध्यम एक प्रकार का रंग है जो रंगीन पेस्टल स्टिक्स के रूप में होता है। इसका पहली बार उल्लेख लियोनार्डो दा विंची द्वारा किया गया था, जिन्होंने इसे अपनी कला में प्रयोग किया। पेस्टल के माध्यम से चित्रित चित्रों की विशेषता होती है कि वे मुलायम और प्राकृतिक दिखते हैं। पेस्टल को चित्रण के लिए सामान्यतः कागज पर उपयोग किया जाता है और इसे अन्य रंगों के साथ मिलाकर विस्तृत प्रभाव पैदा किया जा सकता है। यह माध्यम कलाकारों को रंगों की गहराई और समृद्धि के साथ खेलने की स्वतंत्रता देता है, जिससे उनके काम में नयापन और विशेषता आती है।
मेटा भाषाई जागरूकता?
मेटा भाषाई जागरूकता का अर्थ है भाषा के बारे में जागरूकता और समझ। यह वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से व्यक्ति भाषा के नियमों, संरचना और उपयोग को समझता है। यह जागरूकता न केवल भाषाई कौशल को विकसित करने में मदद करती है, बल्कि यह भाषा के प्रभाव और उसके सामाजिक संदर्भ को भी समझने में सहायक होती है। मेटा भाषाई जागरूकता के माध्यम से व्यक्ति अपने भाषाई दृष्टिकोण को विस्तारित कर सकता है और विभिन्न भाषाओं और भाषाई शैलियों के बीच अंतर कर सकता है। यह कौशल भाषा सीखने और सिखाने में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कक्षाओं की दीवारों पर किस प्रकार के रंग होने चाहिए?
कक्षाओं की दीवारों पर हल्के रंगों का उपयोग किया जाना चाहिए, क्योंकि ये वातावरण को खुला और उज्ज्वल बनाते हैं। हल्के रंग जैसे सफेद, क्रीम या हल्का नीला विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य और ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकते हैं। ये रंग कक्षा में सकारात्मक ऊर्जा और रचनात्मकता को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा, हल्के रंगों से कक्षा में प्रकाश का बेहतर उपयोग हो सकता है, जिससे विद्यार्थियों को बेहतर अनुभव होता है। कक्षा का वातावरण छात्र के सीखने के अनुभव को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है, इसलिए दीवारों के रंग का चयन सोच-समझकर करना चाहिए।
वुड शिक्षा डिस्पैच की व्यवस्था कब किया गया?
वुड शिक्षा डिस्पैच की व्यवस्था 1854 में की गई थी, जो भारतीय शिक्षा प्रणाली के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। इस डिस्पैच ने शिक्षा के क्षेत्र में कई सुधारों की सिफारिश की थी, जिसमें प्राथमिक शिक्षा का विस्तार और महिला शिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया था। इसके अंतर्गत, सरकार ने शिक्षा के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे को स्थापित करने और शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की दिशा में कदम उठाए। यह डिस्पैच भारतीय समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य करता है और इसके परिणामस्वरूप शिक्षा प्रणाली में कई सकारात्मक परिवर्तन आए।
किन्डर गार्टन पद का अर्थ है?
किंडरगार्टन शिक्षा प्रणाली की शुरुआत जर्मनी में हुई थी, जहां इसे छोटे बच्चों के लिए एक सुरक्षित और रचनात्मक वातावरण प्रदान करने के लिए विकसित किया गया। यह प्रणाली बच्चों को सामाजिक कौशल, शैक्षणिक आधार और जीवन कौशल सिखाने में मदद करती है। किंडरगार्टन में बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाया जाता है, जिससे वे सीखने के प्रति प्रेरित होते हैं।

वर्गखंड में शिक्षा के लिए क्या आवश्यक है?
वर्गखंड में शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम, शिक्षकों की गुणवत्ता और शिक्षण विधियाँ सभी बेहद आवश्यक हैं। एक प्रभावी पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को ज्ञान और कौशल प्रदान करता है, जबकि उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षक उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करते हैं। शिक्षण विधियाँ यह सुनिश्चित करती हैं कि अध्ययन का अनुभव रोचक और प्रभावी हो। सभी तीन तत्व मिलकर एक सकारात्मक और समग्र शिक्षण अनुभव का निर्माण करते हैं, जिससे विद्यार्थी बेहतर तरीके से सीख पाते हैं और अपनी क्षमताओं को विकसित कर पाते हैं। इसलिए, शिक्षा के क्षेत्र में इन तीनों पहलुओं का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
आम तौर पर सोडियम बाइकार्बोनेट को क्या कहा जाता है?
सोडियम बाइकार्बोनेट, जिसे आमतौर पर बेकिंग सोडा कहा जाता है, एक रासायनिक यौगिक है जिसका उपयोग खाना पकाने में, विशेषकर बेकिंग में, किया जाता है। यह एक एसिड-बेस प्रतिक्रिया में काम करता है, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्पन्न होती है, जो बैटर को उठाने में सहायता करती है। यह पदार्थ न केवल खाना पकाने में बल्कि सफाई उत्पादों, एंटासिड के रूप में और विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं में भी उपयोग किया जाता है। बेकिंग सोडा का प्रयोग करना सरल है और यह एक बहुउपयोगी सामग्री है जो विशेष रूप से रसोई में बहुत मददगार होती है।
माप का पहला चरण क्या है?
माप का पहला चरण मापन है, जिसमें किसी विशेष मात्रा को निर्धारित करने के लिए उपकरणों या विधियों का उपयोग किया जाता है। मापन का अर्थ है किसी चीज़ का आकार, वजन, लंबाई या अन्य गुणों को एक निश्चित मानक के अनुसार निर्धारित करना। यह प्रक्रिया विज्ञान, गणित, और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह किसी भी अध्ययन या प्रयोग की नींव होती है। मापन के बाद डेटा संग्रह, विश्लेषण और रिपोर्टिंग की प्रक्रियाएँ होती हैं, परंतु मापन ही वह शुरुआती कदम है जो आगे की सभी गतिविधियों को संभव बनाता है।
अच्छी नागरिकता किन विषयवस्तुओं पर आधारित है?
अच्छी नागरिकता का आधार नैतिकता, सामाजिक जिम्मेदारी और कानून का पालन है। यह सुनिश्चित करता है कि नागरिक समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को समझें और उनका पालन करें। नैतिकता के सिद्धांत हमें सही और गलत के बारे में समझाते हैं, जबकि सामाजिक जिम्मेदारी हमें अपने समुदाय और देश की भलाई के प्रति जागरूक बनाती है। कानून का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है, जिससे समाज में व्यवस्था और सुरक्षा बनी रहती है। अच्छी नागरिकता का अर्थ है समाज में सक्रिय रूप से भाग लेना और अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सजग रहना।
शिक्षकों छात्रों की क्षमता किस तरह मापता है?
शिक्षकों द्वारा छात्रों की क्षमता की माप विभिन्न तरीकों से की जा सकती है, जैसे परीक्षाएँ, परियोजनाएँ, और अवलोकन। परीक्षाएँ विद्यार्थियों की ज्ञान और समझ को मापने का एक पारंपरिक तरीका हैं, जबकि परियोजनाएँ विद्यार्थियों की रचनात्मकता और समस्या-समाधान कौशल का आकलन करती हैं। अवलोकन के माध्यम से शिक्षक सीधे तौर पर छात्रों की भागीदारी, व्यवहार और सीखने की प्रक्रिया का मूल्यांकन कर सकते हैं। सभी ये तरीके मिलकर एक संपूर्ण दृष्टिकोण प्रदान करते हैं, जिससे शिक्षकों को छात्रों की क्षमता का सही आकलन करने में मदद मिलती है।
मनसबदारी प्रथा किसके द्वारा लागू की गई थी?
मनसबदारी प्रथा अकबर द्वारा लागू की गई थी, जो मुग़ल साम्राज्य के महान सम्राटों में से एक थे। यह एक प्रशासनिक प्रणाली थी, जिसमें अधिकारियों को एक विशेष पद और रैंक दी जाती थी, जिसे “मनसब” कहा जाता था। इस प्रणाली के अंतर्गत अधिकारियों को उनकी सैन्य और प्रशासनिक क्षमताओं के अनुसार पदोन्नति की जाती थी। मनसबदारी प्रथा ने मुग़ल साम्राज्य की स्थिरता और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, क्योंकि इसने प्रशासन में दक्षता और अनुशासन को बढ़ावा दिया। अकबर के शासनकाल में यह प्रथा अत्यधिक सफल रही और इसके परिणामस्वरूप साम्राज्य में एक सुसंगत और संगठित प्रशासन का विकास हुआ।
अध्यापन में प्रश्नावली का कौशल बहुत जरूरी है?
अध्यापन में प्रश्नावली का कौशल अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह शिक्षकों को विद्यार्थियों की समझ और विचारशीलता को मापने में मदद करता है। प्रश्नावली के माध्यम से शिक्षक विभिन्न विषयों पर छात्रों की जानकारी और उनकी सोचने की क्षमता का आकलन कर सकते हैं। यह तकनीक छात्रों को अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने का अवसर भी देती है। अच्छे प्रश्नावली कौशल से शिक्षक पाठ्यक्रम के विभिन्न पहलुओं को समझ सकते हैं और छात्रों के लिए एक बेहतर शिक्षण अनुभव प्रदान कर सकते हैं। इसलिए, प्रश्नावली का कौशल अध्यापन की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
किसको अभिप्रेरित शिक्षण का चिह्र माना जाता है?
जॉन ड्यूवी को अभिप्रेरित शिक्षण का चिह्र माना जाता है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए, जो आज भी प्रासंगिक हैं। ड्यूवी का मानना था कि शिक्षा केवल ज्ञान का संचय नहीं है, बल्कि यह अनुभव आधारित प्रक्रिया है, जिसमें छात्रों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने यह सुझाव दिया कि शिक्षा को विद्यार्थियों की रुचियों और अनुभवों के साथ जोड़कर दिया जाना चाहिए, जिससे वे अधिक प्रेरित और संलग्न रहें। ड्यूवी के विचारों ने आधुनिक शिक्षा प्रणाली को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
किस प्रकार का स्वास्थ्य जीवन में देखभाल एवं साझेदारी के संबंधों को आवृत करता है?
सामाजिक स्वास्थ्य जीवन में देखभाल और साझेदारी के संबंधों को समाहित करता है। यह व्यक्ति की सामाजिक नेटवर्क और संबंधों की गुणवत्ता को दर्शाता है। सामाजिक स्वास्थ्य का मतलब है कि व्यक्ति अपने समुदाय में कैसे जुड़ता है, अपने परिवार और दोस्तों के साथ कैसे संबंध बनाता है, और समाज में अपनी भूमिका को कैसे समझता है। एक मजबूत सामाजिक स्वास्थ्य व्यक्ति को मानसिक और भावनात्मक रूप से अधिक संतुलित बनाता है। यह न केवल व्यक्तिगत भलाई को प्रभावित करता है, बल्कि समाज में सामूहिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। इसलिए, सामाजिक स्वास्थ्य की देखभाल करना आवश्यक है।
छात्रों के शिक्षण में नैतिक शिक्षण का क्या महत्व है?
छात्रों के शिक्षण में नैतिक शिक्षण का महत्व अत्यधिक है, क्योंकि यह ज्ञान को बढ़ाने, सामाजिक जिम्मेदारी सिखाने और चरित्र निर्माण में सहायक होता है। नैतिक शिक्षा विद्यार्थियों को सही और गलत का अंतर समझाती है और उन्हें एक सकारात्मक नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित करती है। यह उन्हें सामूहिकता, सहानुभूति और सामाजिक मूल्य सिखाने में मदद करती है, जिससे वे समाज में सही तरीके से योगदान कर सकें। इसके साथ ही, नैतिक शिक्षा विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे वे अपने जीवन में नैतिक सिद्धांतों का पालन कर सकें।
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